भोपाल. विधायकों, जिला व जनपद अध्यक्षों और पंचायत एवं ग्रामीण विकास सेवा के अफसरों के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। नेताओं और सीनियर अफसरों से तंग 60 सीईओ जनपदों की फील्ड पोस्टिंग में जाना नहीं चाहते। कुछ ने वीआरएस मांगा है। कई दूसरे विभागों में अटैच हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
हाल ही में अलीराजपुर की एक जनपद के सीईओ एचके शर्मा ने आदिम जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह और विभाग के प्रमुख सचिव को लिखकर दे दिया है कि वे क्षेत्र में गए तो जान चली जाएगी। शर्मा ने स्थानीय भाजपा विधायक नागर सिंह चौहान के भाई व जिला पंचायत सदस्य इंदरसिंह चौहान के खिलाफ मारपीट की एफआईआर भी दर्ज करा दी है।
1. भोपाल : दो सितंबर को हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा और सीईओ पीसी शर्मा के बीच विवाद बढ़ा तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के निवास पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ।
2. टीकमगढ़ : 20 अगस्त को विधायक केके श्रीवास्तव ने कथित तौर पर सीईओ उदयराज सिंह की पिटाई की। बाद में विधायक पर अपहरण के भी आरोप लगे। पुलिस में मामला दर्ज हुआ तो श्रीवास्तव की गिरफ्तारी हुई।
3. श्योपुर : 10 दिसंबर को सहायक यंत्री हरिसिंह रघुवंशी के साथ जनपद अध्यक्ष ने मारपीट की। केस दर्ज हो चुका है।
4. उज्जैन : जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार ने मनरेगा में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी के साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया। बाद में जिला पंचायत की सीईओ रुचिका चौहान के सामने माफी नामा हुआ।
5. गंजबासौदा : जनपद अध्यक्ष के पति ने सहायक विकास विस्तार अधिकारी (एडीओ) के चेहरे पर चाय फेंक दी। इस प्रकरण में एफआईआर हुई। लेकिन बाद में कलेक्टर ने एडीओ का तबादला कर दिया।
दबाव में काम कर रहे हैं मुख्य कार्यपालन अधिकारी
संभागीय आयुक्त दफ्तर, जिला पंचायत कार्यालय, ट्रेनिंग सेंटर तथा हैड ऑफिस में ज्यादातर लोग अटैच हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ के भूपेश गुप्ता का इस बारे में कहना है कि काम करने की स्थितियां अब ब्लॉक में नहीं हैं। मौलिक काम की जगह अब जनपदों के मुख्य कार्यपालन अिधकारी (सीईओ) से कहा जाता है कि नेताजी आ रहे हैं, भीड़ जुटाओ। कन्यादान के आयोजन में जोड़ों की संख्या ज्यादा होनी चाहिए। नसबंदी के टारगेट और अंत्योदय मेले में उपस्थिति को लेकर जवाब मांगा जाता है, इससे सीईओ परेशान हैंं। ऐसे दबावों में कैसे काम होगा।