बेईमान सरकार किसानों के 11 करोड़ हड़प गई

Bhopal Samachar
वैभव श्रीधर/भोपाल। किसानों ने सहकारी समितियों से ज्यादा दाम पर खाद खरीदी। जिन 11 कंपनियों ने अधिक दाम पर समितियों को खाद सप्लाई की, राज्य सरकार ने उनसे 11 करोड़ रुपए वसूल भी लिए। लेकिन किसानों को राहत नहीं मिल पाई। सरकार ने रकम लौटाने की नीति न होने की बात कहकर ये राशि अपने पास ही रख लिए। इस संबंध में मार्कफेड (राज्य सहकारी विपणन संघ) ने काफी पहले सरकार को प्रस्ताव देकर पूछा था कि इस रकम का क्या करना है।

यह है मामला
पिछले साल समितियों में सिंगल सुपर फॉस्फेट और डीएपी की जो कीमत किसानों से वसूली गई, वह बाजार भाव से 35-55 रुपए प्रति बोरी तक ज्यादा थी। ये मामला जब इछावर विधायक शैलेंद्र पटेल ने विधानसभा में उठाया तो सहकारिता विभाग ने मार्कफेड के जरिए कलेक्टरों से जांच कराई। आरोप सही मिलने पर मार्कफेड ने 11 कंपनियों को नोटिस जारी कर 11 करोड़ रुपए से ज्यादा अंतर की राशि वसूल कर ली। ये राशि अभी मार्कफेड के पास ही है। चूंकि बाजार और समितियों में दरों का अंतर नहीं होना चाहिए, इसलिए ज्यादा ली गई राशि किसानों को लौटाई जानी चाहिए।

रकम वापसी में भी पेंच
सूत्रों का कहना है कि सहकारी समितियों के पास खरीदार का रिकॉर्ड न होने से किसानों को राशि लौटाना मुश्किल काम है। प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी ने बताया कि समितियों में दो या अधिक कंपनियों की खाद बिक्री के लिए उपलब्ध रहती है। ऐसे में ये रिकॉर्ड रखना काफी मुश्किल है कि किसने किस कंपनी की खाद खरीदी। हालांकि अब समितियों को रिकॉर्ड रखने को कहा गया है।कीमत में अंतर इसलिए मार्कफेड निजी कंपनियों से सिंगल सुपर फॉस्फेट लेता है। कंपनियां खुले बाजार में भी खाद बेचती हैं।

लिहाजा मार्कफेड ने ये नीति बनाई है कि कोई भी कंपनी सहकारी समिति को दिए जाने वाले भाव से सस्ती खाद बाजार में नहीं बेचेगी। जांच में कंपनियों की ओर से ये जवाब दिए गए कि उन्होंने डीलरों को उसी दर पर खाद दी, जिस पर सहकारी समितियों को दी थी। डीलरों ने अपना मार्जिन कम कर खाद बेच दी, जबकि ऐसी छूट सहकारी समितियां नहीं देतीं। हालांकि जांच में ये भी सामने आया कि कुछ कंपनियों ने अपना बचा माल खपाने के लिए सस्ते दर पर बाजार में उतार दिया।

यहां बिकी महंगी खाद - सीहोर, झाबुआ, आलीराजपुर, राजगढ़, सागर, धार, रतलाम, सिवनी और इंदौर।

इन कंपनियों से की वसूली - अरिहंत, एग्रो फॉस्फेट, इंडियन पोटाश लिमिटेड, खेतान, जुबिलेंट एग्री, इंडियन फॉस्फेट, आदेशा फॉस्फेट, श्रीराम फर्टिलाइजर, रामा, दत्ता एग्रो, सुमन फॉस्फेट एंड केमिकल।

डीलर नहीं बेच सकेंगे सस्ती खाद
मार्कफेड ने खाद बिक्री की नीति में बदलाव कर इसे रबी सीजन से लागू कर दिया है। अब डीलर सहकारी समितियों से कम दाम पर खाद नहीं बेच सकेंगे। अभी ये प्रावधान कंपनियों के लिए था। इसका फायदा उठाकर डीलर अपना मार्जिन कम कर खाद बेच देते थे।

सिंगल सुपर फास्फेट पर 250 रुपए प्रति टन मार्जिन मिलता है। समिति की तुलना में बाजार में सस्ती खाद बेचने के प्रमाण मिलने पर कंपनियों से खाद बिक्री के हिसाब से राशि वसूली गई। इसका उपयोग किस तरह से करना है, ये शासन तय करेगा। -बीएम शर्मा, प्रबंध संचालक, मार्कफेड

राशि वसूली की प्रक्रिया के चलते अब तक कोई रणनीति नहीं बनी थी। अब जब राशि आ गई है तो किसान हित में सरकार नीति बनाएगी। इसके लिए कृषि मंत्री, अपर उत्पादन आयुक्त से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेंगे।-डॉ.राजेश कुमार राजौरा, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!