छत्तीसगढ़। एक और जहां शनि शिगनापुर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बहस चल रही है. वहीं रायपुर से लगे आरंग में भी एक मंदिर ऐसा है, जहां 9वीं शताब्दी से ही महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है.
9वीं शताब्दी में बना यह जैन मंदिर हैहय वंशीय शासकों ने बनाया है. भांड देवल मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस जैन मंदिर के गर्भगृह में 3 तीर्थंकरों की कायोत्सर्ग वाली मूर्तियां स्थापित हैं. लेकिन इस मंदिर के निर्माण से अब तय यहां महिलाओं ने कभी पूजा-अर्चना नहीं की. दरअसल इस मंदिर में महिलाओं को प्रर्वेश की अनुमति नहीं है.
नगर शैली में निर्मित भांडदेवल मंदिर को राष्ट्रीय महत्व की धरोहर घोषित किया गया है. अब यह मंदिर सरकार के संरक्षण में है. इसलिए अब मंदिर में नियमित रूप से पूजा भी नहीं हो पाती लेकिन यह छत्तीसगढ़ का इकलौता ऐसा मदिर हैं, जहां महिलाओं को दर्शन-पूजन की अनुमति कभी नहीं मिल पाई. हालांकि यह बात और है कि महिलाओं ने भी कभी इस प्रतिबंध का विरोध नहीं किया.