इंदौर। सीए राकेश मित्तल ने कुछ माह पहले एडिनबर्ग से लंदन की यात्रा की थी. उस दौरान उनकी ट्रेन तकनीकी कारणों से 33 मिनट लेट हो गई थी. जिसके हर्जाने स्वरूप रेलवे कंपनी ने राकेश को 33 पाउंड (3200 रुपए) का चेक भेजा है.
सीए राकेश मित्तल ने बताया कि, वे दिसंबर 2015 में वर्जिन ईस्टकोस्ट रेलवे की नॉन स्टॉप ट्रेन से स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग से लंदन जा रहे थे. इस यात्रा का समय करीब 4 घंटे 24 मिनट था. उन्होंने बताया कि एडिनबर्ग से चलने के लगभग एक घंटे बाद एक स्टेशन पर ट्रेन रुक गई. जिसके बाद अनाउंसमेंट भी हुआ कि तकनीकी खराबी के चलते ट्रेन के लेट होने की संभावना है, यात्री स्टेशन के बाहर खड़ीं बसों से निशुल्क यात्रा कर लंदन पहुंच सकते हैं. हालांकि, तकरीबन आधे घंटे बाद ट्रेन रवाना हो गई.
जिसके बाद मित्तल ने बताया कि जब मैं लंदन पहुंचा, तो ट्रेन तय समय से 33 मिनट लेट थी. इस दौरान एक रेलवे अधिकारी माफी मांगने हर यात्री के पास पहुंचा और सभी को एक फॉर्म भरने को दिया. उस फॉर्म में सभी ने अपना नाम और पता भरकर पोस्ट बॉक्स में डाल दिया.
जब मिला हर्जाने का लिफाफा
भारत लौटने के बाद कुछ दिनों बाद राकेश को वर्जिन ईस्ट कोस्ट रेलवे की ओर से एक लिफाफा मिला, जिसमें 33 पाउंड के चेक समेत एक माफीनामा भी था. भारतीय रेलों की लेटलतीफी की तुलना में यह अनोखा मामला है. भारत में ट्रेनें घंटों की देरी से चलती हैं और कई बार रद्द भी हो जाती हैं. यहां अफसर खेद भी नहीं जताते।