
आपको बता दें कि सोने के भारी भरकम आभूषणों के चलते गोल्डन बाबा अर्द्धकुम्भ मेले में आम लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. देश में लगने वाले सभी कुम्भ और अर्द्धकुम्भ मेलों में भी बाबा हमेशा अपने आभूषणों के कारण चर्चा में रहते हैं.
बाबा से जब सोने के प्रति उनके इस लगाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सोने में उनके इष्ट देवता है इसीलिए वह हमेशा सोना पहन कर रहते हैं. यही नहीं महंगी धातु होने के चलते सोना उनके व्यक्तित्व में भी मजबूत बनाता है. उनके दावों पर विश्वास किया जाए तो वह सोने की कीमत से अनजान है और सिर्फ इष्ट देवता के होने के कारण ही वह इतना सोना पहनते हैं.
सोने से प्रेम का कारण बताते हुए गोल्डन बाबा का कहना है कि सोना दुर्लभ होने के कारण एक बहुमूल्य धातु भी है. सोना जिसके भी पास होता है उसे गौरान्वित करता है. गौरतलब है कि 53 वर्षीय सुधीर कुमार मक्कड़ (गोल्डन बाबा) संन्यास लेने से पहले दिल्ली में कपड़ों का व्यापार करते थे।