
रेल मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे इस बात पर विचार कर रहा है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए तय आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 कर दी जाए। इतना ही नहीं रेलवे का विचार है कि जो लोग एसी फर्स्ट क्लास में सफर करना चाहते हैं उन्हें किराए में कोई छूट न दी जाए। रेलवे का मानना है कि जो लोग एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा करने में सक्षम हैं उन्हें कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए।
इसके अलावा रेलवे इस बात पर भी गौर कर रहा है कि जो भी अन्य रियायतें या छूट रेलवे द्वारा दी जाती हैं उन्हें भी तर्कसंगत बनाया जाए।
सूत्रों का यह भी कहना है कि रेलवे जो तमाम छूट देता है उनमें से कुछ का भुगतान वह संबंधित मंत्रालयों से साझा करना चाहता है। उसका कहना है कि इसके दायरे में दिव्यांग लोगों को दी जानी वाली छूट का किराया सामाजिक न्याय मंत्रालय, खिलाड़ियों को दी जाने वाली छूट का किराया खेल मंत्रालय से और सेन्य कर्मियों को दी जाने वाली छूट का किराया रक्षा मंत्रालय से लिया जा सकता है। रेलवे का कहना है कि संबंधित मंत्रालय ही यह खर्चा वहन करें। रेलवे को विभिन्न श्रेणियों में रियायती यात्रा सुविधाएं मुहैया कराने पर सालाना करीब 1400 करोड़ रुपये का खर्च आता है।