भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के आव्हान पर नियमितीकरण और समान कार्य समान वेतन देने की मांग को लेकर प्रदेश के विभिन्न विभागों और परियोजनाओं में कार्यरत ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी 18 जनवरी से गांधी टोपी लगाकर और काली पट्टी बांधकर चरणबद्व आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संविदा कर्मचारियों ने भोजन अवकाश के समय प्रदेश के संविदा कर्मचारियों - अधिकारियों ने प्रदर्शन किया था।
आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को संविदा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के साथ गये प्रतिनिधि मण्डल ने म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्री लाल सिंह आर्य को ज्ञापन सौंपा तथा प्रदेश व्यापी चरणबद्व आंदोलन और 25 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल की सूचना दी । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने जीएडी मंत्री लाल सिंह आर्य से आग्रह किया कि वर्षो से संविदा कर्मचारी अधिकारी विभागों में कार्य कर रहे हैं । अधिकांश कर्मचारी अधिकारी ओवरएज हो गये हैं । नियमित कर्मचारियों से ज्यादा कार्य करते हैं और वेतन उनसे आधा दिया जाता है । मंहगाई भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मकान किराया भत्ता नहीं दिया जाता।
जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 4 अप्रैल 1987 को संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान, मंहगाई भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मकान किराया भत्ता दिये जाने के निर्देश जारी किये गये थे । उसके बावजूद अनेक विभागों में उस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है । इसलिए उक्त निर्देश पुनः सभी विभागों को जारी करवाये जायें । 28 जून 2013 को सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने लिए एक नीति तैयार की थी।
उस नीति को मंत्री परिषद की बैठक में अनुमोदन करवाकर उसे लागू कराया जाए। जबकि सरकार ने संरपचों के द्वारा बिना किसी भर्ती प्रक्रिया के नियुक्त गुरूजियों, पंचायत सचिवों,और शिक्षाकर्मियों को नियमित कर दिया है । वहीं संविदा कर्मचारी जिनकी भर्ती विधिवत्, पारदर्शी तरीके से की गई है । उनका नियमितीकरण नहीं कर रही है । जिसके कारण प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है । इसलिए प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों ने चरणबद्व आंदोलन करने का निर्णय लिया है । और 25 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है । जीएडी मंत्री लाल सिंह आर्य ने मांगों के निराकरण करने का आश्वासन दिया है।