
साथ ही तय किया गया कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में अगले तीन साल के भीतर बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना लागू होगी। मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई स्कूलों में बिजली नहीं है, ये स्थिति ठीक नहीं है।
जहां बाउंड्रीवॉल नहीं है, वहां इनका निर्माण कराया जाए और 'स्कूल चले हम" अभियान में प्रेरक की भूमिका निभाने वालों का सम्मान किया जाए। हर हाल में छात्रवृत्ति समय पर दिए जाएं। स्कूलों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जाए। अध्यापकों की पदोन्न्ति, क्रमोन्न्ति समय पर हो, इसके लिए प्रक्रिया तय कर दी जाए।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रदेश के किसी एक विकासखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में समेकित विद्यालय योजना लागू की जाए। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, राज्यमंत्री दीपक जोशी, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, माध्यमिक शिक्षा मंडल अध्यक्ष सुरंजना रे, अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती, राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त दीप्ति गौड़ मुखर्जी, आयुक्त लोक शिक्षण डीडी अग्रवाल उपस्थित थे।