
कैमरन ने कहा कि यह नियम उन माताओं पर भी लागू हो सकता है जो यहां आकर बसीं हैं और अब उनकी संतानें हो चुकी हैं। कैमरन ने कहा कि ढाई साल बाद ऐसे लोगों को एक टेस्ट से गुजरना होगा जो उनकी अंग्रेजी की परख करेगा कि उनमें कितना सुधार हुआ है।
करीब दो लाख मुस्लिम महिलाएं इस समय इंग्लैंड में रह रही हैं उनमें करीब 40 हजार महिलाओें को या तो अंग्रेजी का ज्ञान कम है या बिल्कुल अंग्रेजी नहीं आती है। ब्रिटेन में 2.7 मिलियन आबादी मुस्लिम समुदाय की है।
अभी तक विदेश से जाकर ब्रिटेन में बसे लोगों की संतानों को ब्रिटेन की नागरिकता मिल जाती है। उसे वहां रहने की इजाजत होती है, लेकिन अपने पिता के साथ। माताओं पर यह नियम लागू नहीं होता। कैमरन के इस बयान की मुस्लिम महिलाओं के द्वारा निंदा की जा रही है।