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ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर में हुए कई बदलाव

ऑनलाइन टिकट बुकिंग में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आईआरसीटीसी के सर्वर से ऑटोमैटिक टिकट बुकिंग को रोकने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाएं हैं. सर्वर की सिक्योरिटी का पता लगाने के लिए रेलवे ने STQC से हर तरह की टेस्टिंग कराई है. 

तमाम सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए सर्वर में सीधे-सीधे सेंध मारने के तमाम रास्तों की जांच की गई. इसके बाद आईआरसीटीसी के सर्वर को और ज्यादा मजबूत और तेज बनाने के लिए कैलिफोर्निया से पांच-पांच हाई-एंड सर्वर खरीदे गए हैं.

नए सिस्टम से होगा ये फायदा 
भारतीय रेल ने अपने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसके बाद रेलवे का दावा है कि नए सिस्टम से टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगेगी. साथ ही आम लोगों को आसानी से टिकट मिल सकेगा और टिकट खरीदने के लिए दलालों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा.

रेलवे की ऑनलाइन टिकट मुहैया कराने वाली कंपनी आईआरसीटीसी के मुताबिक, अब पहले की तुलना में प्रति एक मिनट में 15,000 टिकट बुक कराए जा सकेंगे. पहले एक मिनट में महज 7200 टिकट ही बुक होते थे. सर्वर कैपेसिटी बढ़ने से एक साथ 1 लाख 20 हजार लोग वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं.

एक साथ लॉग इन कर सकेंगे 3 लाख यूजर
आईआरसीटीसी के CMD एके मनोचा ने बताया, 'पहले महज 40 हजार लोग एक साथ लॉग इन कर पाते थे. IRCTC सर्वर की कैपेसिटी को अगली दीवाली तक 3 लाख लोगों को एक साथ लॉग इन करने में सक्षम बनाने पर काम कर रहा है.'

IRCTC ने ऑटोमैटिक तरीके से सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करके टिकट बुकिंग पर लगाम लगाने के लिए कई बदलाव किए हैं. ये बदलाव हैं-
1- रजिस्ट्रेशन के वक्त कैप्चा लगा दिया गया. इससे ऑटोमैटिक तरीके से लॉग इन नहीं किया जा सकता. 
2- एक ई-मेल आईडी से एक ही रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा. 
3- एक मोबाइल से एक ही खाते का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा. इसके लिए कन्फर्मेशन के लिए वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा. 
4- पैसेंजर रिजर्वेशन के लिए न्यूनतम वक्त को तय कर दिया गया है. 
5- पेमेंट के लिए भी न्यूनतम समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. 
6- तत्काल टिकट के लिए 10 से 12 बजे तक एक आईडी से दो टिकट ही बुक कराए जा सकेंगे.
7- एक यूजर आईडी पर पर एक महीने के भीतर सिर्फ 10 टिकट ही बुक कराए जा सकेंगे. 
8- एक लॉग इन सेशन में एक तत्काल टिकट ही कराया जा सकेगा. इसमें रिटर्न टिकट बुकिंग की अनुमति दी गई है.
9- एक आईपी एड्रेस से महज दो तत्काल टिकट ही कराए जा सकेगे. 
10- नेट बैंकिग में वन टाइम पासवर्ड को सभी बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. 
11- कैप्चा को लॉग इन, रिजर्वेशन फॉर्म और पेमेंट पेज पर लगा दिया गया है.

IRCTC में यूजर्स की एंट्री पर भी रहेगी नजर 
इन बदलावों के बाद से एक ही मोबाइल से कई खातों का संचालन नहीं किया जा सकेगा. साथ ही एक ही ई-मेल का इस्तेमाल करके कई टिकट बुक कराना संभव नहीं होगा. इसी के साथ रेलवे ने टिकटों की कालाबाजारी करने वाले वेबसाइट हैकरों से बचाने के लिए अपने सिस्टम को और आधुनिक और सुरक्षित बनाया है जिससे कोई भी हैकर या टिकट दलाल बुकिंग टाइम शुरु होने के 35 सेकेंड के अंतराल से पहले टिकट बुक नहीं कर सकता है. इसी के साथ IRCTC ऐसे सभी यूजर्स की एंट्री पर नजर रखेगी जो कहीं से भी संदिग्ध नजर आ रहे होंगे. IRCTC के मुताबिक, सॉफ्टवेयर के जरिए टिकटों की कालाबाजारी का मामला अभी सीबीआई के पास है और एजेंसी इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है.

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