
यह है मामला
गोंदागांव गंगेश्वरी में गंजाल गोमती, नर्मदा का संगम है। छीपानेर में रेत खदान है। ठेकेदार ने रेत के हरदा होशंगाबाद के बीच परिवहन के लिए नदी पर अपनी हठधर्मिता से अस्थायी पुल बना लिया है। इससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ रहा है। पुल के नीचे लगाए दो तीन पाइप के कारण पानी का बहाव रुकने लगा। आसपास में जमा पानी का रंग हरा व मटमैला होने लगा। इससे दुर्गंध आने लगी। पानी कम होने से उभरे चट्टान नुमा पत्थरों को तोड़कर रास्ता भी बनाया गया। जनपद सदस्य पूजा शर्मा, सरपंच दीपक इंदौरे व दर्जनों ग्रामीणों ने कई बार अवैध पुल से हो रहे रेत के परिवहन व रायल्टी की चोरी तथा नदी व मठ को होने वाले खतरे बताते हुए शिकायत की तो मौके पर बंदूकधारी लोगों की मदद से रेत भरे डंपर पार कराए जाने लगे।
पूर्व मंत्री ने भी फटकारा था अधिकारी को
गोंदागांव के जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर, एसपी, टिमरनी एसडीएम, सीएम हेल्पलाइन तक में शिकायतें की, लेकिन पुल तोड़ने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कमिश्नर से भी बात की तो उन्होंने इसे कलेक्टर स्तर का मामला बताया। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने होशंगाबाद कलेक्टर के साथ मिलकर कार्रवाई की बात कही थी। खनिज अधिकारी मुमताज खान ने पुल तोड़ने को प्रशासन के अधिकार क्षेत्र का बताया था। इधर 23 जनवरी को जिपं पंचायत में हुई बैठक में पूर्व मंत्री व सांसद प्रतिनिधि कमल पटेल ने भी खान काे इस मामले में कार्रवाई न करने की वजह से जमकर लताड़ा था। पटेल ने टिमरनी एसडीएम सपना लोवंशी व टिमरनी थाना पुलिस पर ठेकेदार से मिलीभगत कर इस गैर कानूनी काम को संरक्षण देने के आरोप लगाए थे।