भोपाल। वे सब लोग अब मैहर की ओर रुख कर रहे हैं, जिनकी मुरादे सरकार अब तक पूरी नहीं कर पाई है, शायद सबको यही खबर है कि इस समय मैहर पहुंचने वालों की सभी मांगे पूरी हो रही है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ आज राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करेगा और यदि तब भी मांगे नहीं मानी गई तो मैहर वाली मां शारदा के दरबार में अपनी मुराद पूरी करने की गुहार लगायेंगे।
झाबुआ की हार से सबक लेकर सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों को अब सरकार के साथ करने में जुटी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री और त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों के बीच हुई चर्चा में समन्वय बन चुका है, जिसमें सरकार ने अधिकांश मांगे मान ली है। 6 फरवरी को पंचायती राज के प्रतिनिधियों का एक विशाल सम्मेलन होने वाला है, जिसमें सभी मांगों को पूरी करने की घोषणा भी होगी।
बताते चले कि झाबुआ चुनाव भाजपा को हराने का श्रेय ये पंचायत प्रतिनिधि लेते रहे हैं, जिनकी पहले सरकार ने सुनी नहीं, लेकिन बाद में चर्चा भी की और मांगे भी पूरी की सो, इसका असर यह हुआ है। प्रदेश सरकार से अपनी मांगों को पूरी कराने के लिये लगातार संघर्ष कर रहे मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ आज राजधानी में शक्ति प्रदर्शन के बाद मैहर का रुख कर रहा है।
जाहिर है मैहर विधानसभा के उपचुनाव में एक-एक वोट के लिये प्रयास कर भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि प्रदेश भर के पीडि़त ये संविदा कर्मचारी किसी भी बहाने से मैहर पहुंचे और चर्चा करके सरकार और संगठन की छवि खराब करे, क्योंकि इन संविदा कर्मचारियों की दर्द भरी दास्तान कुछ ऐसी है, जिसे सुनकर किसी की भी नाराजगी सरकार के प्रति बढ़ सकती है।मसलन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पंचायत कर्मियों सचिवों, संविदा शिक्षकों का नियमितीकरण शासन ने आसान से किया तो स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग में स्वस्थ्य मध्यप्रदेश की आधारशिला रखने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्यों नहीं, साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा जून 2013 में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु बनाई गई नीति को लागू क्यों नहीं किया गया है, महिलाओं का विशेष ध्यान देने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने महिला का वर्गीकरण संविदा के नाम पर करके तमाम सुविधाओं से वंचित क्यों रखा।
इसके अलावा भी कर्मचारी नेताओं ने अनेक ऐसे तर्क दिये जो संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के साथ सरकार का भेदभाव भरा रवैया दर्शाता है। कुल मिलाकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ नियमितीकरण की मांग को लेकर आरपार के मूड में है। इसी के तहत राजधानी में शक्ति प्रदर्शन के साथ मां शारदा के दरबार मैहर में पहुंचने की बात कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों में सबसे पहले मैहर पहुंचने के पीछे कर्मचारियों की मंशा सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की है, क्योंकि सरकार और संगठन मैहर विधानसभा का उपचुनाव हर हाल में जीत के लिये लड़ रहे हैं। ऐसे में एक-एक वोट इस समय पार्टी के लिये महत्वपूर्ण है और कोई नहीं चाहेगा कि प्रदेशभर के कर्मचारी मैहर पहुंचकर माहौल खराब करे। जाहिर है वर्षों से अपनी मुरादे पूरी कराने पहुंच रहे श्रद्धालुओं से अलग इस बार मां शारदा के माध्यम से सरकार से मुराद पूरी कराने वाले पीडि़त पहुंचेंगे। अब देखना है कि सरकार इन पीडि़तों की कब तक सुनती है।