नईदिल्ली। भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर भारत की स्थिति पहले से बेहतर नहीं हुई. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भ्रष्टाचार पर करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015 जारी किया है. इस सूची में शामिल 168 देशों में भारत को 76वां स्थान दिया गया है. बीते साल इसी सूची में भारत 85वें पायदान पर था. कुछ देशों की स्थति ज्यादा खराब हुई है. सूची में डेनमार्क पहले स्थान पर बना हुआ है.
ज्यादा अंक पाने वाले देश में कम भ्रष्टाचार
करप्शन परसेप्शन्स इंडेक्स (सीपीआई) 2015 में भारत का स्कोर पिछले साल की तरह ही 38 बना हुआ है. सीपीआई में 0 से लेकर 100 तक अंक होते हैं. जिस देश को जितने ज्यादा अंक दिए जाते हैं, उस देश में उतना कम भ्रष्टाचार होता है. इस मामले में डेनमार्क को सबसे ज्यादा अंक दिए गए हैं, वहां सबसे कम भ्रष्टाचार है. इसके बाद फिनलैंड (90 अंक) और स्वीडन (89 अंक) हैं. रिपोर्ट में इस बार 168 देशों को शामिल किया गया था, जबकि 2014 की रिपोर्ट में 174 देश सूची में शामिल किए गए थे.
भूटान की स्थिति भारत से बेहतर
दुनियाभर में विशेषज्ञों की राय के आधार पर सीपीआई में देशों के सरकारी विभागों में मौजूद भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया जाता है. इस मामले में भूटान 27वें पायदान पर है, और उसकी रैंक 65 है. यह भारत की तुलना में काफी अच्छा है. हालांकि भारत के दूसरे पड़ोसी देशों की हालत काफी खराब है. सूची में चीन का स्थान 83 और बांग्लादेश का स्थान 139 है. वहीं पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल बीते सालों की तुलना में थोड़ा सुधार देखा गया है. नॉर्थ कोरिया और सोमालिया इस सूची में सबसे निचले स्थान पर हैं, दोनों देशों के आठ अंक है.