इंदौर। लिव इन रिलेशनशीप से जन्मी बच्ची का खर्च पिता ही उठाएगा। यह आदेश बुधवार को फैमिली कोर्ट ने सुनाया। फैसले के मुताबिक पिता को हर माह बेटी के भरण-पोषण के लिए 7 हजार रुपए देना होंगे।
सुखलिया में रहने वाली महिला ने बीमा कंपनी के हेड क्लर्क रमेश निवासी महालक्ष्मी नगर के खिलाफ याचिका लगाई थी। इसमें कहा था कि वह 22 साल पहले रमेश के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी। 1999 में महिला को प्रेम संबंधों के जरिये पुत्री हुई। 2012 तक रमेश मां-बेटी का भरण-पोषण करता रहा, लेकिन बाद में उसने दूरी बना ली। वह बच्ची को अपना मानने से इंकार करने लगा। एडवोकेट मनीष यादव ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर हुआ डीएनए टेस्ट पॉजिटिव निकला। बच्ची अब 16 साल की है। कोर्ट ने रमेश को उसका जैविक पिता मानते हुए फैसला सुनाया और मां-बेटी को भरण-पोषण के आदेश दिए।