
चार अतिथि विद्वान साथियो का पैनल बनाकर प्रदेशस्तरीय अतिथि विद्वान कोर कमेटी को सौप दिया गया है, जिसमे अतिथि विद्वान संघ सर्वसम्मत से किसी एक साथी पर फैसला करेगा। संघ जिस किसी साथी का नाम घोषित करेगा, महासंघ के सभी अतिथि विद्वान तन-मन-धन से शासन की नीतियोे का विरोध करते हुये प्रचार-प्रसार करेगा।
बैठक के बाद एलान किया गया कि मैहर चुनाव तो सिर्फ ये अगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। 2018 मे होेेने वाले विधानसभा में कम से कम 50 सीटोें पर हमारा संघ चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहा है। जिनमे से कई कैबिनेट स्तर के मंत्री और विधायको के खिलाफ भी हमारा संगठन चुनाव लड़ा सकता है। बैठक मे प्रदेश के कोने-कोने से अतिथि विद्वानो उत्साहपूर्वक आयोजन मे उपस्थित हुये।
सभी साथियो नेे शासन के प्रति काफी आक्रोश था तथा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि समय रहते हमारी मांगो को मान लेती है तो संघ का उद्देश्य विधायक या सांसद बनना नही है, सिर्फ और सिर्फ एक ही उद्देश्य है प्रोफेसर बनना और कुछ नही।