
निर्भया कांड से मिली प्रेरणा
दिल्ली में निर्भया दुष्कर्म कांड के बाद जहां पूरे देश में कैंडल मार्च से लेकर विरोध के तमाम स्वर बुलंद किए गए. वहीं झारखंड के हजारीबाग जिले में विवेकानंद विद्यालय में दसवीं में पढ़ रहे शिवम को भी बहुत गुस्सा था. वह सोचने लगा कि क्यों न कोई ऐसी चीज हो जो हमेशा हमारी बहनों के साथ रक्षा सूत्र की तरह मौजूद रहे. जब जहां जरूरत हो, उसे ऑन कर दे और फिर बुरे इरादे वाले वहीं धराशाई हो जाए. करीब दो साल इस पर सोचने के बाद शिवम एक ऐसा डिवाइस बनाने में सफल हो गया.
कैसे करेगा काम
करीब 50 ग्राम का यह यंत्र कहीं भी लगा सकते हैं. कलाई में घड़ी की तरह पहन लें, जैकेट में लगा लें या फिर सलवार समीज में फिट कर लें. जब भी असुरक्षा का अहसास हो, बस इसे ऑन कर दें. बुरी नजर रखने वाला अब टच भी करेगा तो इससे निकलने वाली इलेक्ट्रो मेग्नेटिव रे सीधे उसके पिट्यूटरी ग्लैंड पर असर करेगी. दिमाग मैसेज भेजना ही बंद कर देगा. शरीर में रक्त का प्रवाह थम जाएगा.
वह शख्स बेहोश हो जाएगा. तीन चार मिनट के लिए यदि टच करेगा तो आधे घंटे के लिए बेहोश हो जाएगा. इससे ज्यादा पकड़ने का दु:साहस किया तो एक-डेढ़ घंटा उसे कोई नहीं उठा सकता. इतना समय लड़की के वहां से भाग कर सुरक्षित जगह पहुंचने के लिए काफी होगा. बकौल शिवम यह मोबाइल की तरह चार्ज किया जा सकेगा और इसका चार्जर भी आसानी से उपलब्ध होगा.
इनसे हुआ तैयार यंत्र
यंत्र बनाने में जिन चीजों की दरकार हुई, वे करीब दो-ढाई सौ रुपए में आ गई. शिवम ने बताया कि इसे बनाने में ट्रांसफार्मर प्राइमरी टर्म्स 12 और सेकंडरी टर्म्स 450, दो प्रकार का ट्रांजिस्टर साधारण 2एन2222 और 3 एन 50 एसएस, डायोड 103 एच का चार पीस, रेजिस्टेंस 100 किलो ओम, 22 किलो ओम और 15 किलो ओम का तीन पीस, कैपासिटर 100 म्यूएफ, 62 एनएफ और 65 पीएफ का तीन पीस आदि लगे.
शिवम की चाहत, घर-घर की बेटी को मिले यह यंत्र
शिवम ने ईटीवी/न्यूज 18 रिपोर्टर से बात कर कहा कि मैं चाहता हूं कि देश की एक एक लड़की के हाथ यह डिवाइस हो ताकि दुष्कर्म की घटना जीरो हो जाए. शिवम ने चाहत व्यक्त कि कोई कंपनी यदि इसे बनाना चाहे तो मै उसे पूरा तरीका समझा दूंगा. पर शर्त यहीं कि वह कीमत अधिक नहीं रखे. यदि कंपनी इस शर्त को नहीं मानती है तो मैं खुद इस बनाउंगा और न्यूतम मूल्य पर इस देश की बहनों को दूंगा. शिवम ने जोर देकर कहा, मेरी चाहत है कि देश की गरीब से गरीब बहनों के हाथ पर यह रक्षा सूत्र बंधे, यही मेरी ख्वाहिश है.