भोपाल। एमपी हाईकोर्ट के एक आदेश से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस घोषणा को झटका लगा है, जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि भविष्य में कोई शराब या बीयर फैक्ट्री नहीं खोलने दी जाएगी। अदालत ने कहा है कि यह मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत सोच हो सकती है लेकिन इसकी कोई वैधानिकता नहीं है, लिहाजा मप्र सरकार द्वारा हिमालयन एेल्स प्राइवेट लि. कंपनी को बीयर फैक्ट्री लगाने का लाइसेंस न देना एक पक्षीय, मनमाना, स्वेच्छाचारिता से पूर्ण और दुराग्रह से ग्रसित निर्णय है। साथ ही उपरोक्त कंपनी को मालनपुर जिला भिंड में बीयर फैक्टरी लगाने का लाइसेंस जारी करने के आदेश दिए हैं।
फैक्ट्री खोलने का रास्ता साफ
इस फैसले के बाद प्रदेश में डिस्टलरी एवं बीयर फैक्ट्री लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों ने राहत की सांस ली है। उनके लिए फैक्ट्री खोलने का रास्ता साफ हो गया है। अब प्रदेश में ऐसी एक दर्जन इकाइयां आसानी से लग सकेंगी। गौरतलब है कि 14 जनवरी 2016 को मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति एससी शर्मा एवं डीके पालीवाल की युगल पीठ ने राज्य सरकार की उस रिट अपील को खारिज कर दिया है, जो सरकार ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ लगाई थी।