शंकराचार्य के शिष्य ने किया मंगेतर का मर्डर

जबलपुर/शहपुरा। बेलखेड़ा में हुई अनामिका तिवारी की अंधी हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि अनामिका का मंगेतर गोटेगांव निवासी दीपेन्द्र तिवारी है। दीपेन्द्र ने अपने दोस्त अनिल के साथ मिलकर बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार पूरी वारदात को पाटन-शहपुरा मार्ग पर चलती गाड़ी में अंजाम दिया गया और बाद में लाश बेलखेड़ा के लम्हेटा गांव के पास फेंक दी गई थी।

चौबीस घंटों की लंबी छानबीन के बाद पुलिस ने दीपेन्द्र तिवारी को गिरफ्तार करते हुए उसके साथी अनिल की तलाश शुरू कर दी है। हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग और अवैध संबंधों की बात सामने आई हैं। देर रात तक पुलिस घटनाक्रम और आरोपी के बयान की कड़ियां जोड़ने में जुटी रही।

घर से निकली थी शॉपिंग करने
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम बेलखेड़ा थाना क्षेत्र के लम्हेटा गांव के पास एक युवती की लाश मिली थी। जिसकी पहचान पुलिस ने शहपुरा निवासी अनामिका तिवारी (21 वर्ष) के रूप में की थी। अनामिका गुरुवार की शाम कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली अपनी बुआ के घर से शॉपिंग करने के लिए निकली थी, जिसके बाद से वह गायब हो गई थी। अनामिका के भाई आशीष ने कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जांच में ये भी पता चला कि अनामिका की शादी 30 जनवरी को झोतेश्वर गोटेगांव रैयाखेड़ा निवासी दीपेन्द्र तिवारी के साथ होने वाली थी।

वॉट्सएप मैसेज से हुआ खुलासा
अनामिका की मौत के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल की जांच की, जिससे पता चला कि अनामिका के पास शुक्रवार की शाम 7 बजे उसके होने वाले पति दीपेन्द्र तिवारी का वॉट्सएप पर मैसेज आया था। जिसमें उसने एक साथ शॉपिंग करने के लिए बुलाया था।

मई में टल गई थी शादी
अनामिका और दीपेन्द्र तिवारी की शादी मई 2015 में होने वाली थी। लेकिन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के पैर में चोट लगने के कारण उनकी शादी टल गई थी, जो बाद में 30 जनवरी को होना तय हुई थी। दरअसल अनामिका का भाई आशीष और मंगेतर दीपेन्द्र दोनों ही झोतेश्वर स्थित शंकराचार्य मठ में शिक्षा ले रहे हैं। यहीं से दोनों परिवारों के संबंध बने थे।

दूसरे अफेयर के शक में मारा
पुलिस सूत्रों की मानें तो मई में शादी टलने के बाद दीपेन्द्र और अनामिका दोनों लगातार मिलते-जुलते और लगातार संपर्क में भी रहते थे। हत्या कबूलने के बाद दीपेन्द्र ने पुलिस को ये जानकारी दी कि हाल ही में उसे पता चला था कि अनामिका का किसी और युवक से अफेयर चल रहा है। इसी बात को लेकर उसने अपने साथी अनिल के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।

ऑटो से पहुंची थी भेड़ाघाट
सूत्रों के मुताबिक दीपेन्द्र ने 15 जनवरी की शाम 4 बजे वॉट्सएप पर मैसेज करने के बाद अनामिका को फोन करके भेड़ाघाट बुलाया था। जिस पर अनामिका बुआ के घर दीक्षितपुरा से ऑटो में बैठकर भेड़ाघाट पहुंची थी।

धुआंधार से फेंकने की प्लानिंग थी
पुलिस सूत्रों के अनुसार दीपेन्द्र तिवारी अनामिका को धुआंधार से फेंककर मारना चाहता था। लेकिन किन्हीं वजहों से उसका ये प्लान फेल हो गया और फिर वह गोविंद के साथ अनामिका को पाटन ले गया। पाटन में अनामिका का मोबाइल बंद हो गया। जिसके कारण उसकी आखिरी लोकेशन कोतवाली पुलिस को भी पाटन ही मिली थी।

देर रात किया मर्डर
रात 12 बजे तक भेड़ाघाट से पाटन-शहपुरा जाने वाले मार्ग पर दीपेन्द्र व अनिल अनामिका के साथ चक्कर काटते रहे। अनिल इनोवा चला रहा था, जबकि दीपेन्द्र व अनामिका पीछे बैठे हुए थे। इस दौरान दूसरे अफेयर के कारण दोनों के बीच विवाद भी हुआ। लेकिन देर रात दीपेन्द्र ने अनामिका का मर्डर कर दिया और फिर दोनों उसकी लाश ठिकाने लगाने की प्लानिंग करने लगे। ये बात भी सामने आई है कि शनिवार को आरोपी बेलखेड़ा से गोटेगांव तक चले गए थे, लेकिन बाद में वे लोग लौटे और शाम करीब 4 बजे अनामिका की लाश लम्हेटा गांव के पास फेंक दी थी।

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