
एक एनजीओ की ओर से दी गई याचिका की सुनवाई में सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि इन राज्यों में सूखा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में 22 जनवरी तक जवाब दे. याचिका में मांग की गई है कि इन राज्यों में प्रभावी ढंग से योजनाएं नहीं चलाई जा रही हैं. जिससे इसमें केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. कोर्ट इसके साथ ये भी निर्देश दिया है कि इन राज्यों में बारिश, खाद्य सुरक्षा योजना, और मिड डे मील और ग्रामीण रोजगार योजना एक्ट के आंकड़े भी बताए.
आपको बता दें कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सभी राज्यों को गरीबों के लिए सस्ते दामों में 5 किलो अनाज उपलब्ध कराना है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना को ठीक से लागू नहीं कर पाई है. जिससे बुंदेलखंड की हालत और खराब हो गई है.
ये याचिका स्वराज अभियान एनजीओ ने दी है जिसे पूर्व आम आदमी पार्टी नेता योगेंद्र यादव चलाते हैं. एनजीओ की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बुदेलखंड इलाके में फसलों के नुकसान, पानी की कमी, भुखमरी फैली हुई है. याचिका में मांग की गई है कि फसलों की बीमा राशि का समय से भुगतान, सूखे को लेकर मुआवजा, जल नीति, और मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था की जाए.