
राजधानी भोपाल में संविदा कर्मचारियों ने गांधी टोपी और काली पट्टी बांधकर राज्य शिक्षा केन्द्र, पुस्तक भवन के सामने एकत्रित होकर प्रदेश व्यापी चरणबद्व आंदोलन के तहत् आंदोलन के प्रथम चरण में प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि अभी भी वक्त है, कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए वर्ष 2013 में जीएडी विभाग द्वारा बनाई गई नीति को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूर कर प्रदेश में वर्षो से विभिन्न विभागों और उनकी परियोजनाओं में कार्यरत ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को सरकार नियमित करें । समान कार्य समान वेतन दे । नियमित पदों के विरूद्व कार्यरत संविदा कर्मचारियों को उन्हीं पदों के विरूद्व नियमित करे । रिक्त नियमित सीधी भर्ती के पदों पर अनुभव के आधार पर संविदा कर्मचारियों का संविलयन करें । जिन संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को परियोजनाएं बंद होने के कारण निकाला गया है, उनकी दूसरी परियोजनाओं में संविलयन करे । नहीं तो पूरे प्रदेश में अनिश्चित कालीन कलमबंद हड़ताल की जायेगी । जिससे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था चैपट हो जायेगी। क्योंकि पूरे प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं संविदा कर्मचारियों के ही हवाले है । इस अवसर कर्मचारियों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाई गई नवीनी संविदा नीति का विरोध भी किया क्योंकि नवीन संविदा नीति में उल्लेख किया गया है कि संविदा कर्मचारी उसको सेवा से समाप्त करने के पश्चात् कोर्ट नहीं जा पायेगा । तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों के वेतनवृद्वि करने की भी मांग की गई ।