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वादे निभाने में नाकाम रही मोदी सरकार: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट

नईदिल्ली। भ्रष्टाचार निगरानी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बुधवार को यहां वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक पेश किया, जिसमें भारत नौ अंकों की छलांग लगाते हुए 76 वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि इस सूची में शीर्ष पर डेनमार्क है।

संस्था ने अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि बदलाव की जन आकांक्षा बहुत है। भारत, श्रीलंका और अन्यत्र भी हमने देखा है कि सरकारें भ्रष्टाचार रोधी मंचों के जरिए सत्ता में आ रही हैं, लेकिन भारत और श्रीलंका के नेता अपने लंबे चौड़े वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं। आपको बता दें कि मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तो उसने भी बड़े-बडे़ वादे किए थे।    

इंटरनेशनल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2015 के मुताबिक, 168 देशों की सूची में थाईलैंड, ब्राजील, टयूनीशिया, जांबिया और बर्किनाफासो के साथ भारत 76 वें स्थान पर है। डेनमार्क इस सूची में लगातार दूसरे साल शीर्ष पर है, जिसने 91 अंक हासिल किए हैं जबकि उत्तर कोरिया और सोमालिया आठ स्कोर के साथ निचले पायदान पर हैं।

भारत के रैंक में सुधार
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने अपने इससे पीछे के साल (2014) के अपने 85 वें स्थान में सुधार किया है और 100 के ग्रेड स्केल में इसने 38 स्कोर किया है।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सौ अंकों वाले करप्शन स्केल में भारत का स्कोर 38 है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि यह 168 देशों की सूची में नौ स्थान उपर चढ़ा है।

हालांकि 100 के स्केल पर इसके स्कोर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह 38 है। इसके पिछले साल भी जब 174 देशों का मूल्यांकन किया गया था, उस वक्त भी यही स्कोर था।

किसी देश या क्षेत्र का स्कोर यह संकेत देता है कि शून्य (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100  (बहुत साफ सुथरा) के स्केल पर सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का क्या स्तर है।

भारत के नेता वादे पूरा करने में नाकाम
नतीजों का विश्लेषण करते हुए संस्था ने कहा है कि बदलाव की जन आकांक्षा बहुत है। भारत, श्रीलंका और अन्यत्र भी हमने देखा है कि सरकारें भ्रष्टाचार रोधी मंचों के जरिए सत्ता में आ रही हैं। इसने कहा है कि समूचे क्षेत्र में और उससे बाहर भी भ्रष्टाचार मीडिया कवरेज में छाया रहता है। इस मुददे में बढ़ती रूचि ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, दोनों में भ्रष्टाचार पर नये शोध का मार्ग प्रशस्त किया है। हालांकि इसने कहा है कि भारत और श्रीलंका के नेता अपने लंबे चौड़े वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं ।

भारत से आगे भूटान
इस सूची में भूटान 27 वें स्थान और 65 स्कोर के साथ भारत से काफी आगे है। चीन 37 स्कोर के साथ 83वें स्थान पर, पाकिस्तान 30 स्कोर के साथ 117 वें स्थान पर और 25 स्कोर के साथ बांग्लादेश 139 वें स्थान पर है।

यह सूचकांक विश्व बैंक, अफ्रीकी विकास बैंक से लिए गए डेटा के आधार पर तैयार किया गया है। बर्लिन स्थित इस संस्था के मुताबिक दुनिया भर में 68 प्रतिशत देशों में भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या है और उनमें से आधे देश जी-20 समूह के सदस्य देश हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में एक भी देश ऐसा नहीं है जो भ्रष्टाचार मुक्त हो।

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