बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के लिए उस वक्त शर्मिंदगी की स्थिति बन गई जब एक मंत्री ने एक वरीय महिला पुलिस अधिकारी के तबादले में अपनी भूमिका बताई. मंत्री का मोबाइल फोन होल्ड पर रखने के कारण अधिकारी का अचानक तबादला कराने का दावा करते हुए मंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ है.
एक वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि श्रम मंत्री पी टी परमेश्वर नाईक दावा कर रहे हैं कि बेल्लारी जिले में कुडलिगी की पुलिस उपाधीक्षक अनुपमा शेनाई का तबादला करा दिया. जिले के प्रभारी मंत्री नाईक के दावे से हडगली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने तबादले में अपनी भूमिका से इंकार किया था. मंत्री ने तब दावा किया था कि अधिकारी का तबादला प्रशासनिक कारणों से हुआ है.
वीडियो में नाईक पार्टी कार्यकर्ताओं से कहते हुए दिखाई देते हैं, ‘‘आप हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं न कि अधिकारी. मैंने अधिकारियों पर कभी राजनीति नहीं की. डीएसपी ने मुझसे 42 सेकेंड बात की, 42 मिनट नहीं 42 सेकेंड.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने उन्हें फिर फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया इसलिए मैंने उनका तबादला करा दिया, यह सच है. हम ऐसे अधिकारी क्यों चाहेंगे जो जिला प्रभारी मंत्री का फोन ही नहीं उठाए.’’
शेनाई को एक फोन आया था जिसमें उनसे कहा गया कि मंत्री बात करेंगे. उसी वक्त उनके पास पुलिस अधीक्षक बेल्लारी का फोन आया और उन्होंने कथित तौर पर मंत्री का फोन होल्ड पर रखकर एसपी से बात की. इससे नाराज होकर नाईक ने उनकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की.
बहरहाल गृह मंत्री और राज्य के कांग्रेस प्रमुख जी. परमेश्वर ने कहा है कि डीएसपी का तबादला नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि उनका तबादला नहीं हुआ है, उन्हें ओओडी (ऑन ऑफिशियल ड्यूटी) पर संबंधित विभाग प्रमुख ने भेजा है. हम इस बारे में भी नहीं जानते. यह प्रशासनिक ढांचे में होता है.’’ भाजपा ने मंत्री की आलोचना की और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी ने आरोप लगाया कि नाईक जैसे नेताओं के कृत्य से राज्य की पुलिस का मनोबल काफी गिरा है.