भोपाल। ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा में अब बुजुर्ग नेताओं के दिन लद गए हैं। केंद्रीय स्तर पर मार्गदर्शक मंडल बनाकर बुजुर्ग नेताओं से किनारा कर लिया गया है। ऐसा ही हाल मध्यप्रदेश में भी देखने को मिल रहा है।
मध्यप्रदेश के भाजपा के बुजुर्ग नेता कैलाश जोशी और सुंदरलाल पटवा के हाल केंद्र के मार्गदर्शक मंडल जैसे हो गए हैं। हालांकि इन नेताओं को प्रदेश स्तर की चुनाव अभियान समिति और प्रमुख कार्यक्रमों में आमंत्रित तो किया जाता है, लेकिन इनका महत्व लगातार घटता जा रहा है। इन हालातों को लेकर बुजुर्ग नेता भी अपना दर्द जाहिर करने से नहीं चूकते हैं।
हाल ही में मंडल और निगम में हुई नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री और संगठन द्वारा बुजुर्ग नेताओं से राय नहीं लेने पर कैलाश जोशी और सुंदरलाल पटवा जमकर नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं मैहर विधानसभा उपचुनाव को लेकर पिछले दिनों 25 जनवरी को हुई प्रदेश चुनाव अभियान समिति की बैठक में इन दोनों नेताओं ने खुलकर नाराजगी जाहिर की।
मैं तो डिस्चार्ज हो गया हूं अब तुम ही चार्ज संभालो- कैलाश जोशी
निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी काफी नाराज बताए जा रहे हैं खासकर मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष पद पर हुई राय सिंह सैंधव की नियुक्ति को लेकर कैलाश जोशी काफी नाराज है। चुनाव समिति की बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने खुलकर नाराजगी व्यक्त की और देवास जिले से निगम मंडल में नियुक्ति किए जाने पर रायशुमारी नहीं करने पर नाराजगी जतायी।
चर्चा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि उनके विधायक बेटा उसी जिले से राज्यमंत्री है और उन्होंने रायसिंह सैंधव को भी मंत्री का दर्जा देकर बेटे की बराबरी पर खड़ा कर दिया। जोशी ने अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जब जाहिर की जब ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष बने विजेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कार्यभार ग्रहण करने से पहले कैलाश जोशी का आशीर्वाद मांगा और पदभार ग्रहण करने के लिए साथ चलने का निवेदन किया। नाराज जोशी ने सिसौदिया से सीधे तौर पर कहा कि हम तो डिस्चार्ज हो गए हैं अब तुम ही चार्ज संभालों।
सीएम शिवराज के राजनीतिक गुरु सुंदरलाल पटवा भी नाराज
दूसरी तरफ शिवराज सिंह के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले सुंदरलाल पटवा भी मुख्यमंत्री से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, हाल ही में हुई निगम मंडल की नियुक्तियों में तपन भौमिक को राज्य पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन बनाया गया और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया, जबकि सुंदरलाल पटवा के बेटे सुरेंद्र पटवा पर्यटन विभाग के मंत्री है, लेकिन उनका दर्जा राज्यमंत्री का है। भाजपा खेमे में चर्चा है कि इस बात को लेकर पटवा जमकर नाराज है और सीएम तक अपना संदेश पहुंचा चुके हैं।
दीपक और सुरेंद्र को कैबिनेट का दर्जा देने की मजबूरी
प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की नाराजगी खुलकर सामने आने के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास सिर्फ एक ही उपाय बचा है कि कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी और सुंदरलाल पटवा के बेटे सुरेंद्र पटवा का आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में प्रमोशन किया जाए और दोनों को राज्यमंत्री की जगह केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने भी दोनों बुजुर्गों से मंत्रीमंडल विस्तार में दोनों मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने की बात कही है।