कलेक्टर को खुश करने जनसुनवाई में नाचा किसान

हरदा। ‘लगे रहो मुन्नाभाई' में एक बुजुर्ग की गांधीगीरी आपको याद होगी, जो अफसर के रिश्वत मांगने पर दफ्तर में अपने कपड़े उतारने लगता है। एमपी के हरदा में इससे मिलता-जुलता मामला सामने आया है। दर्जनों अर्जियों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर एक किसान जनसुनवाई के दौरान डांस करने लगा। जब कलेक्टर ने मामला समझा तो तुरंत सुनवाई करने के निर्देश दिए।

हरदा के पास रिजगांव के 45 साल के किसान अजब सिंह राजपूत हाथ में अर्जी लेकर उस कमरे में दाखिल हुए, जहां मंगलवार को अफसर जनसुनवाई में लगे थे। कमरे में घुसते ही अफसरों की मेज के बीच बने घेरे में जाकर अजब सिंह अजीब हरकतें कर नाचने लगे। साथ में कुछ गुनगुनाए भी जा रहे थे। इस दौरान कुछ अफसर आपस में बात करते रहे, कुछ मोबाइल पर चैटिंग भी कर रहे थे। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ की नजर जैसे ही किसान पर गई, उसे इशारे से बुलाया लेकिन अजब सिंह ने डांस नहीं रोका। इतने में वहां मौजूद एक एम्प्लॉई ने हाथ पकड़कर अजब को बाहर निकालने की कोशिश की। कलेक्टर ने कहा- इसे बाहर मत निकालो, मेरे पास लेकर आओ।

किसान ने कलेक्टर को क्या बताया?
अजब को कलेक्टर के पास ले जाया गया। पूछने पर उसने बताया- ‘साहब! बहुत परेशान हूं। 4 साल से अफसरों के पास चक्कर लगा रहा हूं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।' 'रिजगांव में हमारी 15 एकड़ खेती की जमीन है। इसका बंटवारा हम दो भाइयों में हो चुका है लेकिन मेरे हिस्से की जमीन मुझे नहीं मिली। इस वजह से लोन बुक भी नहीं बन पा रही है। मैं कई सालों से भटक रहा हूं।’

‘अफसरों को नाच गाकर खुश करूंगा’
अजब सिंह ने बताया, ‘फसल नुकसान के बाद राहत की रकम भी नहीं मिली। 2011 में पहली बार पटवारी को अर्जी दी थी। इसके बाद दिसंबर 2015 तक कई बार तहसीलदार, एसडीएम को अर्जी दे चुका हूं।’ ‘हर बार एक टीप लिखकर भगा दिया जाता है कि मामला कोर्ट में है। आज सोचकर आया था कि अफसरों को नाच-गाकर खुश करूंगा। शायद इससे खुश होकर वो मेरी परेशानी को समझ सकें।' अजब की बात सुनने के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को अजब सिंह की मदद करने के निर्देश दिए। कलेक्टर का नया भरोसा लेकर अजब हाथ जोड़ते हुए वहां से रवाना हो गए।

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