ना DGP की पिस्टल चली, न हॉक फोर्स का बम फूटा: मप्र पुलिस की किरकिरी

भोपाल। आईपीएस सर्विस मीट के अंतिम दिन 25 बटालियन में फायरिंग, तीरंदाजी समेत कई खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. फायरिंग के दौरान डीजीपी सुरेंद्र सिंह की पिस्टल ने काम नहीं किया. डीजीपी ने कई बार पिस्टल को चलाने की कोशिश की, लेकिन हर बार ट्रिगर ने काम नहीं किया. बार-बार पिस्टल को ठीक भी किया गया, लेकिन पिस्टल से एक भी गोली फायर नहीं हुई.

आखिर में जाकर डीजीपी को दूसरी पिस्टल दी गई. नई पिस्टल से फायर तो हुआ, लेकिन गोली सही टारगेट पर नहीं लगी. डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने फायरिंग के दौरान पिस्टल नहीं चलने की बात पर कहा कि उन्हें रिवॉल्वर चलाने की आदत है. यही कारण रहा की पिस्टल नहीं चल पाई.

डीजीपी की पिस्टल के साथ हॉक फोर्स का बम भी दम नहीं दिखा सका. फायरिंग के बाद हॉक फोर्स ने आतंकियों से निपटने के लिए प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन में हॉक फोर्स के जवानों ने घर में घुसे आतंकियों को मार गिराया. आतंकियों के खिलाफ किए गए ऑपरेशन के शुरू में ही हॉक फोर्स के प्रदर्शन की पोल खुल गई. जैसे ही घर में घुसे आतंकियों को मारने के लिए जवानों ने मोर्चा संभाला, वैसे ही घर के दरवाजे को उड़ाने के लिए लगाए गए बम ने जबाव दे दिया. कई बार कोशिश करने के बावजूद बम से दरवाजा नहीं उड़ा. आखिर में जाकर जवानों ने खुद ही दरवाजे को तोड़ा और अंदर जाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया.

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