भिंड। तीन युवकों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराकर बयान से पलटने वाली पीड़िता सहित उसकी मां, चाचा व भाई के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर हुई है। वहीं तीनों आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
एडीपीओ सतीश कटारे ने बताया कि रौन के गहेली में दो साल पहले 12 जनवरी 2014 को रौन थाने में गैंगरेप की एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें संजू यादव पुत्र बेनीराम यादव, कल्लू यादव तथा एक अन्य के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था। दुष्कर्म पीड़िता ने तब कहा था कि वह सुबह चार बजे जब शौच के लिए बाहर अाई थी तभी इन तीनों युवकों ने उसके साथ दुष्कृत्य कर दिया। इसी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भिजवा दिया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चालान लहार कोर्ट में 15 जनवरी 2014 को पेश हुआ था।
गवाह पलटने पर जिला लोक अभियोजक ने पेश किया था आवेदन
साक्षी गवाहों के कथन कराए तो सभी पलट गए। पीड़िता ने आरोपी युवकों को पहचानने से ही इंकार कर दिया। कथन पलटने वालों में पीड़िता के अलावा उसकी मां, चाचा और भाई भी थे। कथन पलटने पर जिला लोक अभियोजक प्रवीण दीक्षित ने न्यायालय में कथन पलटने वालों के खिलाफ आवेदन पेश किया था। इस पर यह निर्णय आया है।
आरोपी बरी, पीड़िता पर मामला दर्ज
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर बुधवार को अपने फैसले में तीनों आरोपियों को बरी करते हुए कथन पलटने के लिए पीड़िता, उसकी मां, चाचा और भाई के खिलाफ धारा 177, 193, 195 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। अब चारों के खिलाफ इन्हीं धाराओं में मामला चलेगा।
दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान
विशेष लोक अभियोजक सतीश कटारे ने बताया कि इस मामले में कथन पलटने पर चारों व्यक्तियों के खिलाफ दो साल से सात साल तक धारा 195 में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इन्हीं प्रावधानों को लेकर न्यायालय अब आगे की सुनवाई करेगा।