जगदीश शुक्ला/जौरा/मुरैना। जिले की जौरा तहसील की सेवा सहकारी समिति बिसनौरी में लाखों की राशि का गबन कर समिति एवं सहकारी बैंक को चूना लगाने वाले समिति अध्यक्ष सहित प्रबंधक एवं कार्यवाहक प्रबंधक के खिलाफ जौरा थाना पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की तलाश के साथ मामले की छानबीन में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार जौरा तहसील की सेवा सहकारी समिति बिसनौरी विगत काफी समय से आर्थिक अनियमितताओं के लिये चर्चित रही है। बताया जाता है कि सहकारी समिति बिसनौरी के अध्यक्ष श्रीनिवास त्यागी, प्रबंधक जसबंत त्यागी एवं कार्यवाहक प्रबंधक केदार शर्मा ने मिली भगत कर संस्था एवं जिला सहकारी बैंक द्वारा प्राप्त 21 लाख 35 हजार से अधिक की राशि का कागजों पर ब्यय दर्षाकर इस रषि का परिभक्षण कर लिया था।
समिति की उपरोक्त अनियमितता की षिकायतें विगत काफी समय से की जा रहीं थीं। इसी क्रम में सहकारी बैंक के अधिकारियों द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच में सही पाये जाने पर आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिये आवेदन दिया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए गत 26 जनवरी को जौरा थाना पुलिस द्वारा समिति अध्यक्ष श्रीनिवास त्यागी,प्रबंधक जसबंत त्यागी एवं कार्यवाहक प्रबंधक केदार षर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाये जाने पर अपराध क्रमांक आ.पी.सी. की धारा 406 एवं 409 के तहत अपराधिक मामला दर्ज कर मामले की जांच षुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सहकारी बैंक से प्राप्त पत्र के आधार पर सहायक उप निरीक्षक पंचम सिंह की रिपोर्ट पर यह मामला दर्ज किया गया है।
गेहूं खरीदी के नाम पर दिखाया लाखों का खर्च
बताया जाता है कि सहकारी समिति द्वारा गत वित्तीय बर्श में गेहूं खरीद के नाम पर अप्रमाणित एवं काल्पनिक रूप से गैर बाजिव ब्यय कागजों पर दर्षाकर लाखों की राषि हड़प ली थी। उपरोक्त ब्यय की समिति के बोर्ड द्वारा भी पुश्टि नहीं कराई गई थी। इस कारण उपरोक्त राषि का परिभक्षण किये जाने की बात सामने आई थी। जिस पर सहकारी बैंक द्वारा जांच कर मामले में अपराध पंजीवद्ध करने हेतु पुलिस को पत्र लिखा गया था।
ईसी एक्ट का मामला भी हो चुका है दर्ज
सेवा सहकारी समिति बिसनौरी अपने कारनामों के लिये विगत काफी समय से चर्चित रही है। समिति की नवीन कार्यकारिणी के निर्वाचन के कुछ माह बाद ही तत्कालीन नायब तहसीलदार सी.एम.षर्मा ने ग्रामीणों की षिकायतों पर समिति का निरीक्षण कर पी.डी.एस.के खाद्यान गेहूं,केरोसिन एवं षक्कर आदि का घोटाला किया था। मामले की जांच के बाद नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर आरोपी अध्यक्ष एवं प्रबंधक के खिलाफ ई.सी.एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
राजनैतिक दबाव में नहीं हो रही थी कार्यवाही
बिसनौरी सहकारी समिति मंे लाखांे की राषि की हेराफेरी कर समिति को आर्थिक छति पहुंचाने की षिकायतें ग्रामीणों द्वारा काफी समय से सहकारिता एवं प्रषासनिक अधिकारियों को की जा रहीं थीं लेकिन मामले में राजनैतिक दबाव के चलते कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। बताया जाता है कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों को जब आर्थिक अपराध के छींटे अपने दामन पर आते दिखे तो उन्हें कार्यवाही के लिये मजबूर होना पड़ा है।