नई दिल्ली। बीमा नियामक इरडा जल्द ही बीमा धारकों के हित में ऐसा नियम बनाने जा रहा है। बीमा धारकों को मुसीबत के समय पॉलिसी प्रीमियम के तौर पर जमा रकम निकालने की अनुमति जल्द मिल सकती है। इसके अलावा इस निकासी पर कंपनियां पेनाल्टी के तौर पर किसी तरह की कटौती भी नहीं कर सकेंगी। बीमा नियामक इरडा जल्द ही बीमा धारकों के हित में ऐसा नियम बनाने जा रहा है।
इरडा के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ग्राहकों को 10 से 15 प्रतिशत रकम पॉलिसी में छोड़कर पैसा निकालने पर कटौती नहीं किए जाने विकल्प लाएगा। इस तरह से पॉलिसी भी जारी रहेगी और आपात स्थिति (इमर्जेसी) के दौरान जमा पैसा निकालने में कटौती भी नहीं होगी। दरअसल सभी बीमा कंपनियां अवधि पूरी होने पर ही बीमा की जमा रकम में अन्य लाभ जोड़कर पूर्ण भुगतान करती हैं और अगर इससे पहले कोई पॉलिसी (खत्म) तोड़कर अपना जमाधन भी निकालना चाहता है 20 से 35 प्रतिशत या कुछ मामलों में इससे भी अधिक राशि काट लेती हैं।
अधिकारी ने हालांकि, स्पष्ट किया कि यह सुविधा बाजार पर आधारित प्लान में नहीं दी जाएगी। साथ ही बीमा कंपनियों की ओर से पॉलिसी बेचते समय ग्राहक को यह विकल्प दिया जाएगा। यदि वह विकल्प नहीं लेंगे तो अचानक पैसा निकालने पर कंपनियों की ओर से कटौती की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बीमा धारकों ने इरडा से पॉलिसी तोड़े जाने पर जमा राशि में भारी कटौती किए जाने की कंपनियों की कारगुजारी से मुक्ति दिलाने का आग्रह किया था।
अधिकारी ने बताया कि सभी बीमा कंपनियां पॉलिसी के प्लान के अनुसार अचानक पैसा निकालने यानी पॉलिसी तोड़ने पर कटौती करती हैं जबकि कई कंपनियां अपने उपभोक्ताओं को इस संबंध में विकल्प भी दे रही हैं। हालांकि, सभी ऐसा नहीं कर रहे हैं इसलिए प्राधिकरण इससे जुड़े नियम में बदलाव करने जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण की ओर से लाया जाने वाला विकल्प ग्राहकों को बेवजह काटे जाने वाली रकम से बचाएगा।