अमेरिका से Phd करने के बाद अघोरी तांत्रिक बन गई

Bhopal Samachar
उज्जैन। सिंहस्थ के लिए उज्जैन में अनूठी वेश-भूषा व अंदाज से लोगों का ध्यान खींचने वाले तांत्रिकों की कमी नहीं रहेगी। हम आपको एक ऐसी ही महिला से मिला रहे हैं, जो अमेरिका से पीएचडी करने के बाद श्मशान जगाने वाली अघोरी तांत्रिक और स्पिरिचुअल गाइड बन गई।

श्मशान ले जाती थी दादी, बनी पहली गुरु
सर्वेश्वरी शक्ति इंटरनेशनल अखाड़ा की संस्थापक शिवानी दुर्गा ने बताया कि उनकी दादी आध्यात्मिक प्रवृत्ति की थीं। आमतौर महिलाएं श्मशान नहीं जातीं, लेकिन उनकी दादी बेहद निडर थीं। वे न केवल खुद वहां जाती थीं, बल्कि उन्हें भी साथ ले जाती थीं। उनकी दादी वहां चिताओं को प्रणाम करवाती थीं और कहती थीं कि ये मनुष्य की अंतिम शरण स्थली है, इससे डरना नहीं चाहिए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। परिजन के विरोध के बाद भी उन्होंने नागनाथ योगेश्वर गुरु से अघोर तंत्र की दीक्षा ली। बाद में उन्हीं के साथ श्मशान जगाकर शव साधना की।

बना रही हैं महिला अखाड़ा
शिवानी दुर्गा अघोर तंत्र के साथ-साथ पश्चिमी देशों के रहस्यमय तंत्र शास्त्र विक्का, वोडु, सोर्करी की भी सिद्ध साधिका हैं। उनके भक्त और अनुयायी दुनिया के कई देशों में फैले हुए हैं। इंडियन और वेस्टर्न तंत्र की समानताओं को जोड़कर उन्होंने कुछ नई पद्धतियां विकसित की हैं।

अघोर यानी शिव
शिवानी दुर्गा के अनुसार, अघोर शिव का रुप है। जो घोर नहीं है यानी जो सुंदर है। हम सब अघोरी हैं, क्योंकि हम सब में शिव है। अघोरी द्वारा शव खाने जैसी भ्रांतियों को लेकर शिवानी दुर्गा ने कहा अघोरी साधना के दौरान कुछ नहीं खा सकता। साधना के बाद भूख शांत करने के लिए वह कुछ भी खा सकता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!