इंदौर। हाईकोर्ट ने 1 जनवरी 1996 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनर्स और परिवार पेंशनर्स को 11 साल के एरियर का ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश दिया। पेंशनर्स फेडरेशन मप्र की ओर से पेश एक याचिका निराकृत करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
फेडरेशन के अध्यक्ष अंबिकाप्रसाद पांडेय ने बताया कि वित्त विभाग ने 1 जनवरी 1996 से पूर्व के सेवानिवृत्त पेंशनर्स और उनके परिवार को 1 अप्रैल 2007 से पेंशन पुनरीक्षण का लाभ देने का निर्णय लिया था। फेडरेशन ने 2005 में इस संबंध में हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका में आदेश दिया था कि फेडरेशन इस संबंध में शासन को पुनः अभ्यावेदन पेश करे। फेडरेशन ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की। न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति जेके जैन ने अपील याचिका निराकृत करते हुए शासन को आदेश दिया कि इन पेंशनर्स और उनके परिवार को 1 अप्रैल 2007 के बजाए 1 जनवरी 1996 से एरियर का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने इस राशि पर 9 फीसदी वार्षिक की दर से ब्याज देने के आदेश भी दिए।