भोपाल। मनरेगा में संविदा पर काम कर रहे सहायक कार्यक्रम अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर और ग्राम रोजगार सहायक के एक सप्ताह से चल रहे आंदोलन का असर काम की गति पर पड़ने लगा है। ये आंदोलनकारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
उनका कहना है कि मनरेगा के कुल 22 हजार 800 ग्राम पंचायतों में से अब सिर्फ 5 हजार 553 पंचायतों में काम चल रहे हैं। यही नहीं हड़ताल से पूर्व 15 लाख से अधिक मजदूर काम पर थे, जो घटकर 3 लाख 84 हजार रह गए। यह जानकारी मनरेगा की एमआईएस में डाले गए आंकड़ों में सामने आई है। आंदोलन रविवार को खत्म हो रहा है। मनरेगा अधिकारी, कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्र चौकसे का कहना है कि सरकारी की बेरुखी के बाद भी सोमवार से हम काम पर लौट रहे हैं लेकिन विरोध जारी रहेगा। सारे आंदोलनकारी 22 फरवरी तक दो घंटे ज्यादा काम करेंगे। मांगें नहीं मानी तो 23 को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
साथ ही 29 फरवरी को भोपाल में बड़ी सभा करेंगे। इधर, इस आंदोलन को सीईओ संगठन, सरपंच संघ और पंचायत अधिकारी संघ का भी समर्थन मिल गया है। सीईओ संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश गुप्ता ने कहा कि दस साल से वे काम कर रहे हैं। अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय भी दिया। ऐसे में उनकी मांगें जायज हैं। शासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।