रतलाम। जावरा में घर से सामान लेने निकली महिला मालगाड़ी की चपेट में आई. जिससे उसके दोनों पैर कट गए. इसके बावजूद बदहवास हालत में करीब 200 मीटर की दूरी तक घिसटते हुए अपने मोहल्ले में पहुंची. अपने परिचितों का दरवाजा खटखटाया. जहां से परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इतने समय तक महिला का काफी खून बह चुका था.
जावरा के चौपार्टी शांतिवन इलाके में रहने वाली रेखाबाई (39) दुकान से कुछ सामान लेने रेलवे स्टेशन के नजदीक गई थी. जब वह वहां से वापस लौट रही थी, तो रेल पटरी पर मालगाड़ी खड़ी थी. रेखाबाई मालगाड़ी के हटने का इंतजार न करते हुए उसके नीचे से निकलने लगी. उसी वक्त गाड़ी चल दी और महिला के दोनों पैर घुटने से नीचे कट गए और वह बेहोश हो गई.
2 घंटे बाद आया होश
जब घायल अवस्था में पटरी के किनारे पड़ी रेखाबाई को रात करीब 2.30 बजे होश आया, तो वह अपने गले में परेशानी की वजह से किसी को मदद की वजह से पुकार न सकी और हिम्मत जुटाते हुए हाथों के बल करीब 200 मीटर की दूरी तय करके आने मोहल्ले तक जा पहुंची.
एक और हादसे का कर चुकी सामना
यह पहली बार नहीं है कि रेखाबाई ने मौत को मात दी है. इससे पहले 10 मार्च 2010 के दिन भी मेला देखने गई इस महिला के पीछे लूट की नियत से बदमाश पीछे पड़ गए थे. बदमाशों ने रेखा के गले से सोन की समझकर पीतल की चैन खींच ली, जिससे उसका गला बुरी तरह कट गया था. एक महीने तक बड़ोदरा में इलाज के बाद जान बची, लेकिन आवाज कम हो गई. यही वजह है की हादसे के समय घायल होने पर रेखा किसी को मदद के लिए नहीं बुला सकी और उसे खुद घिसटते हुए अपने घर तक जाना पड़ा.