भोपाल। राजधानी भोपाल के नजदीक रातापानी अभयारण्य में बीते सात माह के भीतर बाघों की संख्या 30 से बढ़कर 59 हो गई है. वन विभाग ने 31 जनवरी से 6 फरवरी तक प्रदेश के सभी संरक्षित वन्यप्राणी क्षेत्रों की गणना कराई है. जिसके बाद खुशखबरी देने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
इन आंकड़ों के मुताबिक, रातापानी अभयारण्य में जुलाई 2015 में करीब 30 बाघ थे. जबकि जनवरी 2016 में बाघों की संख्या बढ़कर 59 हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी बाघों ने भोपाल से लेकर रातापानी तक अपने अलग-अलग स्थान तलाश लिए हैं. वहीं, 9 बाघ अभी अपनी टेरेटरी बनाने के लिए सक्रिय हैं. इसमें बाघिन टी-21 और उसके चार शावक समेत बाघिन टी-2 और दो शावक शामिल हैं.
ऐसे की गई गिनती
बाघ, तेंदुआ समेत अन्य जानवरों की गिनती करने के लिए वन विभाग ने 87 ट्रेप कैमरे लगाए थे. जिनमें रिकॉर्ड फूटेजों के आधापर बाघों की संख्या बढ़ने की पुष्टि हुई है.
कहां है रातापानी अभयारण्य
रातापानी बाघ अभयारण्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है. यह राजधानी भोपाल से बहुत कम दूरी पर स्थित है. इस अभयारण्य में तरह-तरह के जीव-जन्तु की भरमार है. यहां बाघ, तेंदुए, जंगली कुत्ते, स्लॉथ बीय, लोमड़ी, चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंघा, हनुमान लंगूर, भारतीय शैल अजगर प्रमुखता से पाये जाते हैं. कुछ दशक पहले यहां बारहसिंघा भी पाया जाता था.