भोपाल। तीन-चार माह से वेतन का इंतजार कर रहे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अब जिला पंचायत से वेतन मिलेगा। पंचायत विभाग ने तीन करोड़ रुपए से ज्यादा जिलों को वेतन बांटने के लिए एडवांस दे दिए हैं। इस राशि से फिलहाल तो वेतन का इंतजाम हो जाएगा, पर पुख्ता व्यवस्था बनाने के लिए नियमों में संशोधन कर वेतन को कोषालय से जोड़ा जाएगा।
होशंगाबाद, अनूपपुर और सिवनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने ग्रामीण विकास विभाग को पत्र भेजकर कुछ महीनों से वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। विभाग ने इसकी पड़ताल कराई तो मालूम पड़ा कि इन्हें लगभग बंद हो चुकी योजना डिस्ट्रिक रूरल डेवलपमेंट एजेंसी (डीआरडीए) से वेतन दिया जा रहा था। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राशि देना धीरे-धीरे बंद कर दिया है।
इसके कारण वेतन देने में दिक्कत आ रही थी। होशंगाबाद के सीईओ अभिजीत अग्रवाल सहित तीन अधिकारियों ने तीन-चार माह से वेतन नहीं मिलने की शिकायत शासन को पत्र लिखकर की थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से किसी भी तरह वेतन व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे।
इसके मद्देनजर पंचायत विभाग ने योजना के लिए 3 करोड़ 6 लाख रुपए जिलों को अग्रिम जारी कर दिए हैं। इससे जिन अधिकारी-कर्मचारियों को योजना के माध्यम से वेतन मिल रहा था, वो फिर शुरू हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत के सीईओ के वेतन के लिए नियमों में संशोधन किया जाएगा। अन्य अधिकारियों की तरह इन्हें भी कोषालय से वेतन मिलेगा, लेकिन ये व्यवस्था अप्रैल के बाद ही शुरू हो सकेगी।