60 हजार दिहाड़ी कर्मचारियों को मिलेगा 20 हजार रु न्यूनतम वेतन

भोपाल। प्रदेश के 60 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर हैं। उन्हें जल्द ही हर माह न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपए मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री को भेज दिया हैं। इसे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की डेढ़ दशक से अधिक समय से लड़ी जा रही लड़ाई के प्रतिफल के रूप मे देखा जा रहा हैं। वर्तमान में अकेले जल संसाधन विभाग में ही 20 हजार दैवेभो कार्यरत हैं। अकेले सिंचाई विभाग पर 148 करोड़ का भार आएगा, जबकि अन्य विभागों में कार्यरत दैवेभो को मिलाकर 500 करोड़ की राशि खर्च होगी। न्यूनतम वेतनमान तय होने के बाद इनकी सैलरी लगभग 20 हजार हो जाएगी।

दिग्विजय सरकार के समय पिछले दरवाजे से रखे गए 28 हजार दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया गया था, लेकिन भाजपा ने वर्ष 2003 के अपने घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों को नियमित करने और वेतनमान तय करने का वादा किया था, मगर भाजपा की सरकार में भी 13 साल तक लड़ाई लडऩे के बाद दैनिक वेतन भोगियों की सुध सरकार ने ली हैं। हालांकि यह निर्णय राज्य सरकार को हाईकोर्ट के दबाव में लेना पड़ रहा है। क्योंकि जल संसाधन विभाग के 70 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अवमानना दायर कर रखी हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार ने इनका वेतमान तय करने के निर्देश दिए थे।

कितना होगा वेतन 
वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 4 हजार 750 रुपए के स्केल में रखा जाता है, जिसमें प्लस 1300  सहित 10 साल की सेवा पर 1500 रुपए और 15 साल की सेवा पर 2500 रुपए के वेतनमान का लाभ दिए जाने का प्रावधान है, इससे चतुर्थ श्रेणी को लगभग 20 हजार 200 रुपए मासिक मिलते हैं और उसका वेतनमान 13 हजार 877 रुपए न्यूनतम स्केल में माना जाता हैं। इसी तरह की केटेगिरी दैवेभो के मामले में तय की गई है।

16 साल की लडाई का नतीजा 
कांगे्रस सरकार ने 28 हजार दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया था, लेकिन वर्ष 2003 में भाजपा ने दैवेभो को नियमित करने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया। फिर भी हमें इसके लिए लंबी लड़ाई लडनी पड़ी। अब कहीं जाकर हमें अच्छी खबर मिलने जा रही है।

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