भोपाल। व्यापमं महाघोटाले में हुई संदिग्ध मौतों में सबसे रहस्यमय मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर की मौत के मामले में सात महीने बाद भी सीबीआई को अब तक हत्या का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। संदिग्ध मौतों से जुड़े अन्य 12 मामलों में तो सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी कर ली है लेकिन नम्रता की मौत के मामले में अब तक खाली हाथ है। खास बात यह है कि इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली के तीन मेडिकल कॉलेजों के फॉरेंसिक विभाग से भी नम्रता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उनका ओपिनियन मांगा है लेकिन इसमें भी स्थिति साफ नहीं हो रही है।
मौत के मामले में अभी जांच पूरी नहीं
नम्रता के पिता मेहताब सिंह ने बताया कि उन्होंने तो सीबीआई को पांच संदेहियों के नाम भी बता दिए हैं। इसके बावजूद सीबीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। मेहताब सिंह कहते हैं कि सीबीआई ने उन्हें अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी भी नहीं दी है। उधर सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि नम्रता की मौत के मामले में अभी जांच पूरी नहीं हुई है। फिलहाल फॉरेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।
पूछताछ में भी नहीं मिले सबूत
सीबीआई अधिकारियों का कहना है ट्रेन के यात्रियों के बयान व नम्रता के पिता के संदेह के आधार पर जिनसे पूछताछ हुई, उसमें कोई सबूत मिला है। आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट के अलावा अन्य केसों की बारीकियों को खंगाला जा रहा है। ताकि कोई नया सुराग मिल सके।