भोपाल। बैंक ऑफ इंडिया की मिसरोद शाखा (भोपाल) में हुए लोन घोटाले के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को राजधानी में 16 ठिकानों पर छापामारी की। 4 करोड़ 23 लाख रुपए के इस घोटाले में बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 25 हजार के कर्ज को 25 लाख का बना लिया और बैंक से करोड़ों रुपए निकाल लिए थे।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि बैंक मैनेजर पीयूष चतुर्वेदी इतना शातिर था कि उसने जिन लोगों के नाम पर कर्ज निकाला उन्हें 25 हजार रुपए के जो चैक थमाए वे भी बैंक से बाउंस हो गए।
इस आपराधिक साजिश में सीबीआई ने बैंक मैनेजर के घर-दफ्तर सहित बिचौलिए और दलालों के ठिकानों पर भी छानबीन की है। इनके यहां से संदिग्ध दस्तावेज, चेक और बाउचर आदि जब्त हुए हैं। यह घोटाला नवंबर 2013 से दिसंबर 2014 के बीच का है, जब मामले का खुलासा हुआ तो बैंक प्रबंधन ने मैनेजर को अप्रैल 15 में निलंबित कर दिया। उसके बाद यह मामला सीबीआई को सौपा गया, सीबीआई ने मैनेजर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। सीबीआई देर रात तक यह कार्रवाई करती रही, अब दस्तावेजों की छानबीन के बाद पूछताछ का सिलसिला शुरू होगा।
भोपाल सहित 8 शहरों में छापामारी
इधर सीबीआई ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फामास्यूटिक एजुकेशन एवं रिसर्च (नाइपर) को खरीदी में 10 करोड़ की चपत लगाने के मामलेे में भोपाल सहित देश भर के 8 शहरों में छापामारी की है। भोपाल में नाइपर के डिप्टी डायरेक्टर रहे राजेश मोजा के घर-दफ्तर में छानबीन कर दस्तावेज आदि जब्त किए गए हैं।
पुणे की फर्म से खरीदारी में फर्जीवाड़ा कर सरकार को 10 करोड़ की चपत लगाने के इस मामले में चंडीगढ़, मोहाली, भटिंका, कुरुक्षेत्र, पुणे, तिरुअनंतपुरम, नई दिल्ली एवं भोपाल में दबिश दी गई। छापे के दौरान सीबीआई ने नाइपर के डायरेक्टर के यहां करीब 13 लाख नकद, 50 लाख की प्रापर्टी एवं 25 लाख रुपए बैंक एकाउंट में जब्त किए हैं। रजिस्ट्रार एवं एक अन्य अफसर के ठिकानों से डेढ़ करोड़ की संपत्ति भी बरामद की गई है।