जबलपुर। सिहोरा पुलिस के शिकंजे में फंसे संविदा शिक्षक नेमचंद उर्फ चंदसिंह टेकाम की जालसाजी चौंकाने वाली है। पुलिस जांच में पता चला है कि नेमचंद ने वर्ष 1990 में सिहोरा की शासकीय प्राथमिक शाला से 5 वीं कक्षा पास की थी। लेकिन 10 वीं की जो मार्कशीट उसने अपने शिक्षक भर्ती आवेदन में लगाई थी वो 1992 की थी। इसके अलावा एसटीएफ के जरिए 10वीं की जो मार्कशीट पुलिस को मिली है उसके संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल से पुलिस ने विस्तृत जानकारियां मांगी हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच में स्थानीय और माशिमं के कुछ अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सिहोरा पुलिस ने एसटीएफ के प्रतिवेदन पर संविदा शाला शिक्षक नेमचंद उर्फ चंदसिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। नेमचंद ने 2005 में व्यापमं द्वारा संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के आवेदन आमंत्रित किए गए थे। दो साल बाद 2007 रिजल्ट आने के बाद एक दर्जन लोगों ने नौकरी ज्वाइन कर ली थी। लेकिन एक वर्ष पूर्व पुलिस मुख्यालय में इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिकायत हुई थी। जिसकी जांच एसटीएफ कर रही थी। लंबी पड़ताल के बाद पाया गया कि सिहोरा निवासी नेमचंद उर्फ चंदसिंह टेकाम ने 10 वीं कक्षा और बीएडकी मार्कशीट फर्जी बनाकर आवेदन पत्र में लगाई थी।