भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग अब प्रदेश के निजी बीएड, डीएड और एमएड कॉलेजों का निरीक्षण नहीं कर सकेगा। हाईकाेर्ट ने विभाग द्वारा कराए जा रहे निरीक्षण पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ ने माना कि निजी बीएड, डीएड और एमएड कॉलेजों के निरीक्षण कराना राज्य शासन के क्षेत्राधिकार में शामिल नहीं है।
ये कॉलेज केवल राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा ही नियंत्रित किए जा सकते हैं। निजी कॉलेजों की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। कॉलेजों की ओर से पैरवी कर रहे वकील सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने दलील दी कि बीएड, डीएड व एमएड कॉलेजों के निरीक्षण व नियंत्रण का क्षेत्राधिकार केवल एनसीटीई को है। लेकिन इन नियमों की अनदेखी कर उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2016-17 की प्रवेश प्रक्रिया से पहले प्रदेश के 300 से अधिक निजी कॉलेजों का निरीक्षण कराने के लिए हर जिले के कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए थे। इनमें से कई कॉलेजों के निरीक्षण हो भी चुके हैं। निरीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन को निर्णय लेना है कि किन कॉलेजों को काउंसलिंग में शामिल करे।