इंदौर। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी राजनीति में आने के लिए कई पार्टियों से चर्चा कर रही थीं। भाजपा ज्वाइन करने से 15 दिन पहले वे कांग्रेस में आना चाहती थीं। उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी शिक्षा को लेकर अलग-अलग शपथ पत्र दिए हैं, लेकिन एचआरडी मंत्रालय के लिए प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति से ज्ञानी व्यक्ति नहीं मिला। वैसे प्रधानमंत्री की डिग्री भी प्रमाणित नहीं है। इससे एक बात तो साफ है कि विद्वान होने के लिए कोई डिग्री जरूरी नहीं होती है।
सिंह ने कहा कि भाजपा और संघ आरक्षण और दलित विरोधी हैं। एक तरफ संघ प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं कि आरक्षण की समीक्षा होना चाहिए। वहीं मोदी कहते हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। ये कैसा विरोधाभास है। जेएनयू मामले में उन्होंने कहा कि कन्हैया पर देशद्रोह का प्रकरण दर्ज किया है, जबकि उनके साथ कोर्ट में मारपीट करने वाले वकीलों पर मामूली धाराएं लगाई गई हैं। आरएसएस पहले हिन्दू होने का सर्फिटिकेट देता था और अब राष्ट्रप्रेम की परिभाषा हमें बता रहे हैं। यह वे लोग हैं जो आजादी के आंदोलन में भाग लेने के बजाए ब्रिटिश हुकूमत का साथ देना राष्ट्रप्रेम मानते थे।