
परिवार वालों की माने तो धनंजय ने टैक्स चुकाने के लिए निगम कर्मियों को 17 और 14 हजार के चेक भी दिए थे. बावजूद इसके निगमकर्मी फोन लगाकर धनंजय को वाहन जप्त करने की धमकी दे रहे थे, जिससे वो काफी तनाव में थे.
रोज-रोज की धमकियों से तंग आकर धनंजय ने जहर खा लिया. उन्हें गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. वहीं घटना के बाद मौके पर पंहुची कोतवाली पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें धनंजय ने आत्मघाती कदम के लिए टैक्स वसूली में लगे निगम कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है. फिलहाल पुलिस ने मामला कायम कर जांच शुरु कर दी है.