इंदौर। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. शरद पंडित को निलंबित करने के सीएम के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। कोर्ट ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा कि डॉ. पंडित अगली सुनवाई तक संयुक्त संचालक के रूप में काम करते रहेंगे।
तीन फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. पंडित को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए थे। समाधान ऑनलाइन में खंडवा की स्वाति गुप्ता ने शिकायत की थी कि उनकी पुत्री कार्तिशा के कॉकलियर इम्प्लांट का केस मंजूर नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बैठक में यह मामला उठने के बाद सीएम ने संयुक्त संचालक को निलंबित करने के आदेश दिए थे। डॉ. पंडित ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मंगलवार को न्यायमूर्ति एससी शर्मा की बेंच में इस पर सुनवाई हुई। डॉ. पंडित की ओर से वकील आनंद मोहन माथुर और अभिनव धनोतकर ने पैरवी की। उन्होंने कहा कि जिस आधार पर निलंबन का आदेश जारी है, वह गलत है। इंप्लांट के लिए 15 लाख रुपए की राशि दस्तावेजों की जांच के बाद ही जारी की जा सकती है। 47 बच्चे पहले ही से वेटिंग लिस्ट में हैं। ऐसी स्थिति में वेटिंग लिस्ट के बाहर जाकर मदद नहीं की जा सकती। सरकारी मदद संचालक की अनुमति के बाद ही जारी की जाती है। ऐसे में डॉ. पंडित का निलंबन रद्द किया जाए। सरकारी वकील ने निलंबन के आदेश को यथावत रखने की गुहार लगाई। कोर्ट ने सीएम के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि डॉ. पंडित अगली सुनवाई तक पद पर कार्य करते रहेंगे।