अध्यापक राजनीति: विधायक हुए विरोधी, प्रांताध्यक्ष प्रवक्ता

भोपाल। अध्यापक संगठनों की राजनीति भी अब टांग खींचो आगे बढ़ो, कन्फ्यूज करो, राज करो वाली तर्ज पर चल पड़ी है। विधानसभा के टिकिट के बदले आंदोलन बेचकर विधायक बने मुरलीधर पाटीदार अब सत्ता विरोधी हो गए हैं। कुर्सी को लात मारने तक की बातें कर रहे हैं। वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी के कारण जन्मे आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल सरकारी प्रवक्ता की भूमिका में आ गए हैं। लीजिए पढ़ लीजिए दो दिग्गजों के विरोधाभाषी बयान:


इंदौर में बोले पाटीदार: जरुरत पड़ी तो विधायक पद को लात मार दूँगा

इंदौर के 31 जनवरी के कार्यक्रम में उन्होंने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके लिए विधायकी कुर्बान कर देंगे, लेकिन अध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। आर्थिक तंगी से जूझता शिक्षाकर्मी जब सरकार से लड़ता था, तब वह सिर्फ और सिर्फ जीतने के लिए लड़ता था यही कारण रहा कि जब भी हम लड़े, जीतकर ही लौटे। हमारी एकता इतनी मजबूत थी कि सरकार को हड़ताल की अवधि का वेतन काटने की हिम्मत नहीं होती थी, यही कारण है कि दो महीने तक की हड़ताल कर चुके शिक्षाकर्मियों का एक दिन का भी वेतन नहीं काटा गया, जहां काटा गया, वहां वापस करना पड़ा। 


फेसबुक पर पटेल ने कहा: माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर भरोसा करना चाहिए

मध्यप्रदेश सत्ताधारी पार्टी भाजपा के एक विधायक जी शिक्षा क्रांति यात्रा के नाम पर अपने निजी संघ के माध्यम से मध्यप्रदेश के सैकड़ो अध्यापक संविदा शिक्षको गुरुजियोँ के बीच प्रत्येक सप्ताह अपने प्रतिनिधियोँ के साथ एक जिले मेँ पहुँचते और प्रदेश के अध्यापक संविदा शिक्षको गुरुजियोँ को भड़काते और डरवाते है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के रहते हुये आने वाले दिनो मेँ शासकीय स्कूलोँ का निजीकरण होने वाला है ।। साथियो यह कहां तक उचित है एक सत्ताधारी पार्टी के विधायक जी को अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री जी के विरोध मेँ अध्यापक संविदा शिक्षक गुरुजियोँ को भड़काना चाहिए या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी स्कूल शिक्षामंत्री जी से मिलकर इस समस्या का समाधान करवाना चाहिए ।। जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी एक वर्ष पूर्व घोषणा कर चुके है कि कोई माई का लाल मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलो का निजीकरण नही कर सकता है ।। साथियोँ ऐसी स्थिति मेँ हमेँ एक सत्ता धारी पार्टी के विधायक जी की बात मानकर सरकार का विरोध करना चाहिए ।। या प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर भरोसा करना चाहिए ।।

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