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बताया जा रहा है कि भार्गव के यहां ही अगले मेजबान मंत्री का नाम तय होगा। उधर पहली बार हो रहे भोजन पार्टी के प्रयोग के मद्देनजर भार्गव के राजधानी में चौहत्तर बंगले स्थित आवास पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अमला ऑफिस को व्यवस्थित करने में लगा है। मंत्रियों को घर के भीतर भोजन कराया जाएगा जबकि बाहर लॉन में मंत्री स्टाफ के भोजन के लिए टेंट लगेगा।
क्यों किया फैसला- अनौपचारिक कैबिनेट के अलावा मंत्रियों के पास ऐसा कोई मौका नहीं होता जब वे एक साथ बैठ कर चर्चा कर सकें। इसमें भी सीमित बातचीत हो पाती है। एक मंत्री ने बताया कि विभाग और अपने क्षेत्रों में व्यस्त रहने की वजह से इतना वक्त ही नहीं मिल पाता कि एक साथ बैठकर किसी भी मुद्दे पर समग्र रूप से बात कर सकें। इसकी वजह से कई बार मतों में अंतर भी उभर आता है, जो सरकार के नजरिए से ठीक नहीं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने खुद आगे होकर कैबिनेट के बाद भोजन पार्टी की शुरुआत करने का निर्णय किया।
क्या फायदा होगा- मंत्रियों के पास भी संगठन, प्रशासन और योजनाओं से जुड़े कई आइडिया होते हैं पर वे इन्हें मुख्यमंत्री की व्यस्तता और उचित प्लेटफार्म नहीं मिलने के कारण साझा नहीं कर पाते हैं। भोजन पार्टी के बहाने अब सभी मंत्री एक जगह इकठ्ठा होंगे और बेफ्रिकी के साथ चर्चा करेंगे।