अदालत के आदेश को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रशासन ने सदियों पुराने एक जैन मंदिर के अवशेष ढहा दिए गए। एक विवादित मेट्रो लाइन का रास्ता साफ करने के लिए ऐसा किया गया।
लाहौर हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक महत्व की इमारतों के 200 फुट के दायरे में मेट्रो लाइन का सभी काम रोकने का आदेश दिया था जिसका उल्लंघन करते हुए पंजाब सरकार ने कल पहले से क्षतिग्रस्त मंदिर के अवशेष ढहा दिए। 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद में तोड़ फोड़ किए जाने के बाद एक भीड़ ने यहां पुराने शहर के प्रसिद्ध अनारकली बाजार के पास स्थित जैन मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
मंदिर का हाल फिलहाल दुकानों एवं लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी (एलडब्ल्यूएमसी) के कार्यालय वगैरह जैसे व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। कल शाहबाज शरीफ सरकार ने उसे पूरी तरह ढहा दिया। मेट्रो परियोजना के रास्ते में और भी कई ऐतिहासिक स्थल आ रहे हैं।
लाहौर हाई कोर्ट ने जनवरी में मेट्रो लाइन परियोजना के रास्ते में आने वाली ऐतिहासिक इमारतों के 200 फुट के दायरे में निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। कार्यकर्ता कमाल मुमताज ने अदालत के फैसले का उल्लंघन कर मेट्रो लाइन का निर्माण कार्य जारी रखने के लिए लाहौर हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप कर सरकार को ऐतिहासिक स्थल ढहाने से रोकने की मांग की। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने पंजाब सरकार से परियोजना की समीक्षा करने की मांग की है।