नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने अब कीटनाशक और उर्वरक की बिक्री करने वाले दुकान संचालकों के लिए नया मापदंड तैयार किया है. इसके अनुसार, कृषि और विज्ञान विषय के डिग्री, डिप्लोमाधारी ही खाद, कीटनाशक की दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त सकेंगे.
विभाग द्वारा डिग्री के आधार पर उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा. ऐसे में बीएससी उत्तीर्ण बेरोजगारों को दुकानों में रोजगार मिल सकेगा तो वहीं किसानों को भी अच्छी दवाइयां मिल सकेंगी.
छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के उपसंचालक एलएम भगत ने बताया कि केंद्र सरकार के बनाए नए नियम के मुताबिक, रासायनिक उवर्रक और कीटनाशक बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा. पुराने दुकानदारों को इसकी सूचना दे दी गई है. उन्हें नियमानुसार दो साल में डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना होगा.
राज्य में खाद-बीज, कीटनाशक वाले अधिकांश दुकानदारों के पास लाइसेंस तो है, लेकिन न तो उनके पास कृषि संबंधी पर्याप्त जानकारी है और न ही उन्हें नए-नए कृषि संबंधी उवर्रक खादों की जानकारी है. ऐसे में प्रदेश के अधिकांश दुकान संचालकों द्वारा जानकारी के अभाव में किसानों को गलत दवा या सलाह दे देते हैं.
वहीं किसानों को नए-नए रसायनिक खाद बीज, कीटनाशक की उपयोगिता, फायदे सहित सही मात्रा में छिड़काव की सही जानकारी नहीं मिल पाती. ऐसे में किसानों की फसल प्रभावित होती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा नया नियम बनाया गया है. नए नियम के तहत कृषि या विज्ञान विषय की डिग्री या डिप्लोमाधारी ही खाद व कीटनाशक की दुकान खोल सकेंगे. विभाग द्वारा डिग्री के आधार पर उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा. इसे केंद्र के राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया है.