
उड़ीसा के चंपुआ की यह दर्दनाक कहानी तब सामने आई जब ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर एस नायक को गणतंत्र दिवस के दिन कुछ लोगों के गिरवी रखे जाने की सूचना मिली और वो इसकी जांच के लिए पहुंचे। खबरों के अनुसार चंपुआ के क्योंझर जिले के एक गांव गढ़हुली में एक महिला सावित्री नायक ने अपने 13 और 11 वर्ष के दो बेटों को 5 हजार रुपये के लिए गिरवी रख दिया ताकि वो उसके पति राइबा का अंतिम संस्कार कर सके।
सावित्री के अनुसार, मैंने अपने बेटों को गिरवी रखा क्योंकि मेरे पास उन्हें खिलाने के लिए कुछ नहीं था' सावित्री के पांच बच्चें हैं जिनमें से उसने अपने दोनों बड़े बेटों को गिरवी रख दिया है। दरअसल 26 जनवरी को परिवार के एकमात्र कमाने वाले राइबा की बीमारी के बाद मौत हो गई थी। घर में खाने के लाले पहले से ही थे और फिर उपर से पति के अंतिम संस्कार का खर्च जुटाना बड़ी चुनौती थी।
सावित्री ने पड़ोसियों से मदद मांगी लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो बच्चों की पढ़ाई छुड़वाकर गिरवी रख दिया। पूरी घटना पर बीडीओ एस नायक ने कहा कि बच्चे पैसा लौटाने के एवज में पूरे गांव के जानवरों की देखरेख करेंगे। हालांकि, उन्होंने माना की बच्चों की पढ़ाई छुड़वा दी गई है।
बीडीओ ने कहा कि सावित्री को मदद नहीं मिल सकती थी क्योंकि चंपुआ हाल ही में नोटिफाइड ग्राम पंचायत बना है। हम सावित्री को विधवा पेंशन के अलावा अन्य आर्थिक मदद दिलवाने की कोशिश कर रहे हैं।