जबलपुर। न्यायालय नियंत्रण प्राधिकारी, उपादान भुगतान अधिनियम और सहायक श्रमायुक्त जबलपुर संभाग ने निजी अनुदान प्राप्त शालाओं के सेवानिवृत्त शिक्षकों के हक में राहतकारी आदेश सुनाया। इसके तहत उन्हें उपादान भुगतान का हकदार पाया गया है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी श्रीमती चन्द्रप्रभा जैन का पक्ष अधिवक्ता आशीष अग्रवाल ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति सेवानिवृत्त शिक्षक पीसी जैन 38 वर्ष 4 माह नियमित सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। इसके बावजूद उच्च श्रेणी शिक्षक को नियमित सेवा की उपादान राशि का सब्याज भुगतान करने की दिशा में कार्रवाई नदारद रही। जब इस बारे में जानकारी चाही गई तो स्कूल प्रबंधन की ओर से इस तरह का कानूनी प्रावधान न होने की बात कही गई। इस पर न्यायालय की शरण लेकर विभिन्न न्यायदृष्टांत व कानूनी प्रावधानों का हवाला दिया गया। पीसी जैन की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने इंसाफ की लड़ाई को आगे बढ़ाया। न्यायालय ने सभी बिन्दुओं पर गौर करने के बाद अंततः याचिकाकर्ता के हक में आदेश सुना दिया। इसी के साथ 2 लाख 73 हजार 296 रुपए उपादान राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया। इस आदेश का लाभ निजी अनुदान प्राप्त शालओं के अन्य सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी भविष्य में मिल सकेगा।