इंदौर। जिले में भले ही पुलिस अफसरों की फौज है, लेकिन चोरी की घटनाओं का खुलासा करने में हमारी पुलिस दूसरे जिलों से पीछे है। इंदौर पुलिस सिर्फ 16 प्रतिशत मामले ही ट्रेस कर सकी। उनमें भी 10 फीसदी में माल बरामद हुआ।
इंदौर जोन के आठ जिले इंदौर, धार, झाबुआ, खंडवा, बड़वानी, आलीराजपुर, खरगोन और बुरहानपुर में वर्ष 2015 में हुए अपराधों की समीक्षा में चोरी की घटनाएं इंदौर में सबसे ज्यादा हुईं, लेकिन उनका खुलासा करने में यहां की पुलिस सबसे पीछे रही। बुरहानपुर और आलीराजपुर जैसे जिलों की पुलिस ने 60 से 70 प्रतिशत मामलों का खुलासा किया। इंदौर में बढ़ते अपराधों को लेकर तरह-तरह के प्रयोग किए गए। पहले एसएसपी सिस्टम लागू किया, फिर डीआईजी को पूरे जिले का जिम्मा सौंपा गया। शहर को पूर्व और पश्चिम में अलग कर दो एसपी भी पदस्थ कर दिए। इसके बावजूद लगातार चोरियां हो रही हैं।
पुलिस ने इंदौर जोन में गिरफ्तार हुए 10 लाख अपराधियों का डिजिटल डाटा तैयार किया है, लेकिन यह सिर्फ बड़े अधिकारियों के पास है। निचले स्तर के बीट अधिकारियों के पास कोई जानकारी नहीं है। इस कारण डाटा से जानकारी नहीं निकल रही है।