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गौरतलब हैं कि इस आवास में न तो मुख्यमंत्री रहते हैं और न ही उनके परिजन। कई सालों में इस सरकारी आवास में विलासितापूर्ण तरीके से निर्माण कार्य करवाये गये हैं। मुख्यमंत्री या उनके परिजन कभी कभार हीं कुछ देर के लिये इस सरकारी बंगले में आते हैं।
वर्तमान हालात में चुनाव में पराजय से शिवराज घबराये हुये हैं। साठ दिन बाद मध्यप्रदेश में सिंहस्थ का आयोजन होने जा रहा हैं। मध्यप्रदेश में मिथक बन गया हैं कि जो भी मुख्यमंत्री सिंहस्थ करवायेगा वह आगे मुख्यमंत्री नहीं रह पाता। बस मुख्यमंत्री भयभीत हैं और तंत्र मंत्र के सहारे यह वास्तु सुधार करवा बैठे।